शनिवार, दिसंबर 14, 2013

सरकार बनाने के लिए केजरीवाल ने कांग्रेस-भाजपा को घेरा

नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर असमंजस की स्थिति शनिवार को भी बरकरार रही। अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद उनसे सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए दस दिन का समय मांगा है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस और भाजपा को भी घेरना शुरू कर दिया है। एलजी से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया को कहा कि दिल्ली में मुद्दों पर आधारित सरकार बनेगी।
उप-राज्यपाल नजीब जंग से कहा है कि वह इस मुद्दे पर जनता के बीच जाकर राय लेंगे और फैसला लेंगे। ऐसा न होने पर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। इसके अलावा केजरीवाल ने सोनिया गांधी और राजनाथ सिंह को भी चिट्ठी लिखकर उनकी अलग-अलग मुद्दों पर राय मांगी है। सोनिया गांधी ने इस पत्र को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद के पास भेज दिया है।
केजरीवाल के साथ आज संजय सिंह, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास भी मौजूद थे। राजनिवास से बाहर निकल कर उन्होंने भाजपा पर सरकार बनाने के लिए विधायकों और सांसदों को खरीदने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के लिए बाएं हाथ का खेल था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में उन्हें समर्थन देने की होड़ लगी है। लेकिन इस समर्थन के पीछे की वजह जनता के सामने आना बेहद जरूरी है। उन्होंने सोनिया और राजनाथ को लिखी चिट्ठी का भी जिक्र अपनी प्रेस कांफ्रेंस में किया। उन्होंने इस पत्र के जरिए उनके समर्थन की वजह को पूछा है।
आज सुबह उप-राज्यपाल से मुलाकात के लिए केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ रवाना भी हुए थे। इससे पहले सरकार के गठन के लिए कांग्रेस ने एक कदम आगे बढ़ते हुए उप-राज्यपाल के पास आप को दिए गए बिनाशर्त समर्थन की चिट्ठी भेज कर खेल को और रोमांचक बना दिया है। ऐसे में आप की जिम्मेदारी काफी कुछ बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट के जरिए कांग्रेस से पूछा है कि क्या कांग्रेस नीतियों का भी समर्थन करेगी? उन्होंने कांग्रेस से जानना चाहा है कि उसके बिनाशर्त समर्थन की परिभाषा क्या है?
आप के सरकार न बनाने की सूरत में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगना तय है। ऐसी सूरत में सभी पार्टियों को एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरना होगा। मुमकिन है कि यदि दोबारा दिल्ली में चुनाव होते हैं तो वह लोकसभा चुनाव के दौरान ही होंगे।
गौरतलब है कि भाजपा नेता डॉक्टर हर्षवर्धन ने उप-राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद बहुमत न होने पर सरकार न बनाने की बात दोहराई थी। इसके बाद ही नजीब जंग ने आप को बातचीत के लिए बुलाया है। आप को जदयू ने भी बिना शर्त समर्थन देने की बात कही है। लेकिन आप नेता लगातार कांग्रेस और भाजपा से बराबर दूरी बनाए रखने और उनसे न समर्थन देने और न समर्थन लेने की बात करते रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को कुमार विश्वास ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी हर विकल्प पर विचार कर रही है।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने अपील की थी कि सभी पार्टियों के अच्छे और साफ सुथरी छवि के नेता उनके पास आएं और विकास में भागीदारी निभाएं। दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने शुक्रवार को कहा कि आप के सरकार बनाने पर भाजपा विपक्ष में बैठकर उसे रचनात्मक सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि आप के नेताओं ने जनता से वादा किया था कि सत्ता मिलने पर वह बिजली की कीमतों में 50 फीसद की कमी कर देगी और लोगों को 700 लीटर तक मुफ्त पेयजल उपलब्ध कराएगी।
ऐसे में यदि आप के नेता इन वादों को पूरा करने को लेकर सचमुच गंभीर हैं तो उनके सामने मौका है। उन्होंने कहा कि यदि आप के नेता अब भी सरकार नहीं बनाते तो यह समझा जाएगा कि वे जनता से किए गए वादों को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं हैं।

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