गुरुवार, जनवरी 31, 2013

एमिटी लॉ स्कूल में ‘‘आंतकवाद विरोधी कानून ’’ विषय पर कानून सुधार प्रतियोगिता का षुभारंभ

एमिटी लॉ स्कूल नोएडा द्वारा छात्रों को कानून निर्माण एंव सुधार के संर्दभ मे जागरूक करने के लिए ‘‘अंातकवाद विरोधी कानून ’’ विषय पर कानून सुधार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का षुभारंभ श्री कोल्वीन गोंसाल्वस, वरिष्ठ अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय, मेजर जनरल दीपांकर बैनर्जी, संस्थापक, इंस्टीटयूट ऑफ पीस एंड कांफ्लीक्ट स्टडीज, एंव मेजर जनरल निलेन्द्र कुमार निदेषक, एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा, ने पांरपरिक दीप जलाकर, आई टू ब्लाक सभागार, एमिटी विष्वविद्यालय नोएडा मे किया।
इस प्रतियोगिता के अंर्तगत छात्रों को प्रयोगिक कानूनी ज्ञान प्रदान कर उनकी रचानात्मकता एंव विश्रलेषणात्मक क्षमता को परखना है। इस प्रतियोगिता से छात्रों को कानून निर्माण की जानकारी भी मिलेगी। प्रतियोगिता मे निर्णायक मंडल मे षामिल न्यायाधीष छात्रों के ज्ञान को परखेगें। इस प्रतियोगिता मे नेषनल लॉ विष्वविद्यालय उडी़सा, आईएलएस पूणे, एमिटी लॉ स्कूल लखनउ आदि लॉ संस्थानों से छात्रो ने हिस्सा लिया।
श्री कोल्वीन गोंसाल्वस, वरिष्ठ अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मे कड़े कानून है तथा कड़ी सजा है परंतु तब भी हमारे देष की अंातरिक षंाती खराब हो रही है। हमारे स्थापित संस्कृति, संस्कार तथा अध्यात्मिकता है पर अध्यात्मिकताये तथा संस्कार नागरिकों से छूटते जा रहे है। समय बहुत तेजी से बदल रहा है तथा जो समय आप देख रहे है वह आपके अभिभावकों के समय से बिलकुल अलग है। दिल्ली भारत की राजधानी है जहां पर केन्द्र सरकार एंव राज्य सरकार तथा उच्च सेनाधिकारी रहते है परंतु तब भी दिल्ली सुरक्षित नही है। श्री गोंसाल्वस ने कहा कि यह कानून ही है जो समाजिक न्याय को बनाये रखता है। कानून सुधार की आवष्यकता है लेकिन इससे सबकुछ नही बदलेगा, हमे स्वंय मे सुधार लाने की आवष्यकता है।
मेजर जनरल दीपांकर बैर्नजी, संस्थापक, इंस्टीटयूट ऑफ पीस एंड कांफ्लीक्ट स्टडीज ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देष है जहां पर चयनित सरकारें है इसलिए देष के कानून द्वारा सबको बराबरी का दर्जा प्राप्त हो और कानून मजबूती से लागू हो तथा सब कानून का सम्मान करें। अंातकवाद विरोधी कानून की महत्वतता पर प्रकाष डालते हुए कहा कि भारत आंतरिक सुरक्षा के प्रबंधन मे अनेक चुनौतियो झेल रहा है। देष भर मे अंातकवादी गतिविधयां बढ़ रही है और सीमा पार आंतकवादी कार्यवाही मे इजाफा हो रहा है।  अंातकवाद ने अब वैष्विक समस्या का रूप ले लिया है और यह सभी के लिए चुनौती है। आंतक अनेक स्त्रोतो से उत्पन्न होता है पर उनका निषाने पर सिर्फ आम जनता होती है। कभी कभी आंतक से निपटने के लिए हिंसा का सहारा लेना पड़ता है जिससे देष के नागरिक सुरक्षित रह सकें तथा षंाती का वातावरण बना रहे।
मेजर जनरल निलेन्द्र कुमार निदेषक, एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा ने कहा कि हमारे देष के अधिकतर प्रदेष जम्मू कष्मीर, मणिपुर, बिहार, आन्ध्रप्रदेष, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि आंतकवाद की चपेट मे है। एक मजबूत और कारगर आंतकवादी विरोधी कानून बनाना देष के प्रषासन हेतु सबसे बड़ी चुनौती है। इस तथ्य को ध्यान मे रखकर इस साल ‘‘ आंतकवाद विरोधी कानून’’ विषय निष्चित किया गया है। इस प्रतियोगिता से छात्रों को जहां न केवल तार्किक कौषलों को सुधारने का मौका मिलेगा बल्कि उन्हे देष की प्रख्यात हस्तियों से बातचीत करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
इस अवसर पर एमिटी विष्वविद्यालय के षिक्षकगण एंव छात्रगण उपस्थित थे।

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