प्रो. सऊद आलम कासमी ने कहा कि हिन्दू मुस्लिम एकता वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और मौलाना आजाद के सन्देश को फिर से फैलाने की आवश्यकता है।
व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए समाज विज्ञान संकाय की पूर्व अधिष्ठाता एवं मनोविज्ञान विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर हमीदा अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद का विजन इतना सशक्त था कि वह आने वाली पीढ़ियों का हमेशा नेतृत्व करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद व सर सैयद दोनों को ही शिक्षा से बेहद प्रेम था। उन्होंने कहा कि जहॉ सर सेयद ने एएमयू की स्थापना की वहीं मौलाना आजाद ने इस विश्वविद्यालय को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। प्रो. हमीदा ने कहा कि मौलाना आजाद सर सैयद के शैक्षणिक चिंतन से परिचित थे। उन्होंने कहा कि सर सेयद के साथ मौलाना आजाद को भी हमें हमेशा याद रखना होगा।
इससे पूर्व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर सीपीएस चौहान ने उपस्थितजनों का परिचय मुख्य अतिथि से कराया।
शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सुनीता शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में न केवल मौलाना आजाद के संदेश को फैलाने की आवश्यकता है बल्कि एकजुट होकर आगे बढ़ने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बात के प्रयास होने चाहिए कि मौलाना आजाद ने शिक्षा के विकास का जो सपना देखा था वह पूरा हो। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह व्याख्यान अपने आप में बहुत महत्व रखता है।
डॉ. अनीस जहॉ ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र मौजूद थे।
Editor Gazala Khan


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