सोमवार, नवंबर 11, 2013

छत्तीसगढ़: दो बजे तक 50 फीसद वोटिंग, दो जगह मतदान रद्द

chhattisgarh electionरायपुर। छत्तीसगढ़ में संगीनों के साए के बीच प्रथम चरण का मतदान जारी है। सोमवार सुबह शुरू हुए मतदान के दौरान दंतेवाड़ में पोलिंग बूथ के बाहर सुरक्षा बलों ने दो आईईडी बरामद किए हैं, जिन्हें विस्फोट कर आतंक फैलाने के लिए लगाया गया था। वहीं कांकेर जिले में भी सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ होने की खबर है। अंतागढ़ के दुर्गापुर और सीतापुर में पोलिंग पार्टी के मतदान केंद्र पर न पहुंच पाने के कारण मतदान रद्द कर दिया गया है। दो बजे तक यहां तकरीबन 50 फीसद मतदान हुआ है। बस्तर जिले में कुछ जगहों पर कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प भी हुई।
नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग व राजनांदगांव जिले की 18 सीटों पर 143 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें राजनांदगांव से मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित राज्य सरकार के तीन मंत्री भी शामिल हैं। सुबह नौ बजे तक राजनांदगांव में 15 फीसद, चित्रकूट में 8.25 फीसद, जगदलपुर में 9.45 फीसद, बस्तर में 18 फीसद मतदान हो चुका है।
पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान के लिए तकरीबन 70 हजार जवान तैनात किए गए हैं। करीब 350 पोलिंग बूथ ऐसे हैं जिनको चुनाव आयोग कभी भी हैलिकॉप्टर की मदद से बदल सकती है। जगदलपुर में सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया है। मतदान दोपहर तीन बजे तक चलेगा। राजनांदगांव जिले की सीटों में सुबह 8 बजे मतदान शुरू होगा और पांच बजे तक चलेगा।
पहले चरण में जिन 18 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 15 बीजेपी के पास हैं और बाकी तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव से फिर मैदान में हैं। उनके सामने इसी साल मई में नक्सली हमले में मारे गए पूर्व कांग्रेसी विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार मैदान में हैं। 2008 में यहां पर 50 सीटों पर भाजपा 38 सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बसपा का कब्जा था।
मतदान से पहले रविवार दोपहर नक्सली बहुल राजनांदगांव में बारूदी सुरंग के विस्फोट में दो लोग घायल हो गए। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में 12 विधानसभा सीटें जगदलपुर में आती हैं, तो बाकी की छह सीटें नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में हैं। सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, जगदलपुर, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव और राजनांदगांव जिलों में 22 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन सब तैयारियों के बीच मतदान वाले इलाकों में लगभग एक हजार की संख्या में माओवादियों के भी डेरा डाले जाने की खबर है।
मतदान पूर्व बस्तर और राजनांदगांव से सटी मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमाएं सील कर दी गई हैं। तैयारियों का आलम यह है कि सीमाओं से सटे पड़ोसी राज्यों के गांवों में भी हथियारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी और 10 राज्यों की आ‌र्म्ड फोर्सेज के आला अधिकारियों का एक ज्वाइंट ऑपरेशन गु्रप बनाया गया है, जो हर दो घंटे पर पूरे माहौल की समीक्षा कर रहा है। चुनाव ड्यूटी में लगाई गई 564 कंपनियों को जीपीएस से लैस कर दिया गया है, जिससे उन्हें जंगलों में किसी भी किस्म की परेशानी न हो।

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