शनिवार, अक्तूबर 12, 2013

नवरात्र में यहां उमड़ती है भक्तों की भीड़

पूरा भारत नवरात्र के पावन पर्व के अवसर पर भक्ति में सराबोर है। इन दिनों देश के सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। खासकर उन मंदिरों का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है जिनकी मान्यता शक्तिपीठ के रूप में है। पिछली बार हमने मां सती के 51 शक्तिपीठों में से 17 शक्तिपीठों की चर्चा की थी। आज हम आगे के शक्तिपीठों के बारे में चर्चा करेंगे।
1. अम्बाजी शक्तिपीठ-गुजरात में जूनागढ के गिरनार पर्वत के प्रथत शिखर पर देवी अम्बिका का विशाल मन्दिर है जिसे हम अम्बाजी शक्तिपीठ के नाम से जानते हैं। यहां माता का उदर गिरा था।
2. पर्वत शक्तिपीठ- इस शक्तिपीठ को लेकर लोगों में भ्रम है। कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, जबकि कुछ का मानना है कि यह असम के सिलहट में 4 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम (नेऋयकोण) जौनपुर में है। यहां माता सती का दक्षिण तल्प यानी कनपटी गिरी थी।
3. गोदावरी तट शक्तिपीठ- आंध्रप्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का वामगण्ड यानी बायां कपोल गिरा था। आंध्रप्रदेश का यह शक्तिपीठ बहुत ही ज्यादा विख्यात है। यहां मां दुर्गा के साथ-साथ शिव, विष्णु, गणेश तथा कार्तिकेय आदि की उपासना होती है।
4. शुचींद्रम शक्तिपीठ-यह शक्तिपीठ कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर स्थित है। यहां माता सती के ऊर्‌र्ध्वदन्त गिरे थे। यहां माता को नारायणी और भगवान शंकर को संहार या संकूर कहते हैं।
5. लंका शक्तिपीठ-यह शक्तिपीठ श्रीलंका में स्थित है, जहां सती का 'नूपुर' गिरा था।
6. पंच सागर शक्तिपीठ: इस शक्तिपीठ के बारे में किसी को ज्ञात नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती के अधोदन्त गिरे थे।
7. मिथिला शक्तिपीठ-इस शक्तिपीठ का निश्चित स्थान बताना कुछ कठिन है, लेकिन कहा जाता है कि भारत और नेपाल सीमा पर जनकपुर रेलवे स्टेशन के पास बने इस शक्तिपीठ में माता का वाम स्कंध गिरा था।
8. भैरव पर्वत शक्तिपीठ-भैरवपर्वत शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर विद्वानों में मतभेद है। कुछ उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट स्थित भैरवपर्वत को, तो कुछ गुजरात के गिरनार पर्वत के सन्निकट भैरवपर्वत को वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं। यहां शक्तिपीठ में माता का ऊपर का होठ गिरा था।
9. अट्टहास शक्तिपीठ-यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में दिथत है जहां जहां सती का नीचे का होठ गिरा था।
10 नन्दीपुर शक्तिपीठ-पश्चिम बंगाल के सैन्थया स्थित इस पीठ में देवी की देह का कंठहार गिरा था।
11.जनस्थान शक्तिपीठ-नासिक रोड स्टेशन से लगभग 8 कि.मी. दूरी पर पंचवटी नामक स्थान पर स्थित भद्रकाली मंदिर जनस्थान शक्तिपीठ कहा जाता है। इस शक्तिपीठ में माता की ठुड्डी गिरी थी।
12 रामागिरि शक्तिपीठ: रामगिरि शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर लोगों में मतभेद है। कुछ लोग मध्य प्रदेश के 'शारदा मंदिर' को शक्तिपीठ मानते हैं, तो कुछ चित्रकूट के शारदा मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां देवी के दाएं स्तन का निपात हुआ था।
13. कश्मीर शक्तिपीठ-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के भीतर 'हिम' शक्तिपीठ है। यहां माता सती का कंठ गिरा था।
14. जालंधर शक्तिपीठ-यह शक्तिपीठ पंजाब के जालंधर में स्थित है। यहां माता सती का बायां स्तन गिरा था।
15. नलहाटी शक्तिपीठ-पश्चिम बंगाल के बोलपुर में स्थित नलहाटी शक्तिपीठ में मां सती की उदर नली का पतन हुआ था।
16.रत्‍‌नावली शक्तिपीठ-इस शक्तिपीठ के संबंध में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह चेन्नई में कहीं स्थित है। यहां माता का दक्षिण स्कंध गिरने का जिक्त्र आता है।
17.श्रीशैल शक्तिपीठ-आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 250 कि.मी. दूरी पर कुर्नूल के समीप श्रीशैल शक्तिपीठ स्थित है जहां सती की ग्रीवा का पतन हुआ था।

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