
सौरभ के पिता प्रभात माहेश्वरी हार्डवेयर के कारोबारी हैं। बकौल सौरभ एक बार आठवीं कक्षा में बैठे-बैठे 488 तक का पहाड़ा लिख दिया था। इसके बाद तो हजार तक का पहाड़ा लिखने की ठान ली। आखिरकार कामयाबी मिल ही गई।
ऐसे हुआ सौरभ के दावे का परीक्षण :
एक हजार तक का पहाड़ा लिखने का दावा सौरभ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रानिक्स में डिप्लोमा करते समय वर्ष 2012 ने किया था। विश्वविद्यालय की ओर से इसकी सूचना लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को दी गई। लिम्का बुक की सहमति से 4 नवंबर 2012 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉबीज क्लब, जनरल एजुकेशन सेंटर द्वारा केनेडी आडिटोरियम में आयोजित परीक्षण कार्यक्रम में सौरभ ने 1 से लेकर 1000 तक का पहाड़ा पेपररोल पर लिखा। इसमें कुल चार घंटे 52 मिनट और 44 सेकेंड लगे। उन्होंने 10 व 11 मिनट के दो ब्रेक भी लिए। अंतत: 30 जून 2013 को लिम्का बुक के आब्जर्वर जेसी केसीभाटला ने सौरभ को ई-मेल से उनके रिकॉर्ड को मंजूरी दिए जाने की सूचना दी।
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