
मन्ना डे की नजदीकी रहीं सुपर्णा कांति घोष ने मन्ना की इस अंतिमच्इच्छा के बारे में खुलासा किया। उनके मुताबिक, 'मन्ना डे इस साल रबींद्र दा के चार गीत अपनी पत्नी की याद में रिकॉर्ड करना चाहते हैं। वे अपनी तबीयत ठीक होने का इंतजार कर रहे थे, ताकि वे यह गीत रिकॉर्ड कर पाते। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी यहच्इच्छा अधूरी ही रह गई।' घोष खुद भी म्यूजिक कम्पोजर और गीतकार हैं।
मन्ना डे की पत्नी सुलोचना का देहांत पिछले साल हुआ था। मन्ना और सुलोचना का विवाह 1953 में हुआ था। पत्नी के देहांत के बाद वे अकेले ही रह रहे थे। मन्ना डे के भतीजे संदीप डे ने बताया कि अपनी पत्नी के देहांत के बाद च्े बच्चों की तरह रोए थे। दोनों का रिश्ता साठ साल तक चला और आखिरकार एक साल के अंतराल पर दोनों इस दुनिया से विदा हो गए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें