। उन्नाव जिले के डैंडियाखेड़ा में राजा राव रामबख्श सिंह के किले में खजाने की खोदाई के साथ ही चर्चा में आए स्वामी ओमजी चित्रकूट के ऐंचवारा में अपने एक आश्रम में भी दस वर्ष पहले खुदाई करा चुके हैं। उसमें क्या मिला, यह स्पष्ट नहीं हो पाया था क्योंकि कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के कारण काम पूरी तरीके से नहीं हो पाया था। उस वक्त संत शोभन सरकार के भी वहां मौजूद होने की बात भी कही जाती है।
शरीर में कम कपड़े होने के कारण उधारी बाबा के नाम से मशहूर स्वामी ओम जी का यहां गढ़ी स्थित आश्रम करीब 50-60 बीघे में फैला है। स्थानीय लोगों की माने तो कुछ जमीन बाबा ने खरीदी थी और कुछ लोगों ने उन्हें दान में दी थी। इसके बाद उन्होंने वहां पर हवन-पूजन के बाद खुदाई शुरू करा दी। हालांकि मामले में कोई दस्तावेजी सुबूत नहीं हैं कि वहां खुदाई किस आधार पर की गई। खुदाई के बाद वहां एक पुराना कुआं पूरी तरह पटवा दिया गया था। इस दौरान वहां संत शोभन सरकार के भी उपस्थित रहने की बात भी स्थानीय लोग बताते हैं।
ग्रामीण रमेश तिवारी बताते हैं कि जहां अब बाबा का आश्रम और बजरंगबली मंदिर हैं, वहीं कायस्थ समाज का किला था जो जमींदोज हो गया था। मान्यता है कि कायस्थ समाज के जमींदार ने सारा धन किले और कुएं में दबाकर उसी में कूद कर जान दे दी थी। तभी से समय-समय पर इसमें धन होने की चर्चाएं उठती रहती हैं। स्वामी ओम बाबा ने यहां आश्रम को जोड़ने वाली सड़क बनवाई है और स्कूल को जमीन देने के साथ कुछ और भी काम किये हैं। उनके विरोधी भी कम नहीं हैं जो उन पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाते रहे हैं। उनका कहना है, बाबा ने यहां कई काम करने का वादा किया था लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।
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