शनिवार, सितंबर 28, 2013

इन आंकड़ों ने किया साबित, जम्मू में आतंकी हमले के बाद लोग गुस्से में

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से लगी सीमा पर लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन और एक दिन पहले हुए दो आतंकी हमलों के बावजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष से 29 सितंबर को न्यूयॉर्क में बातचीत को तैयार हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने पाकिस्तानी सत्ता पर नवाज शरीफ के नियंत्रण पर पहले ही सवालिया निशान लगा दिया है। ऐसे में भारत को पाकिस्तान से शांति वार्ता करनी चाहिए?
यह सवाल हमने जागरण.कॉम के पाठकों से भी पूछा। पोल में 6172 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें से 5332 यानि 86.39 फीसद लोगों का कहना है कि भारत को इस परिस्थति में पाकिस्तान से बातचीत नहीं करनी चाहिए। वहीं मात्र 840 यानि 13.61 फीसद लोगों का मानना है कि विषम परिस्थिति के बावजूद दोनों देशों को वार्ता करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने पांच सैनिकों की हत्या कर दी थी और उसके बाद से लगातार वह करीब 17 बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर चुका है। हद तो तब हो गई जब एक दिन पहले तीन आतंकियों ने पुलिस थाने और मिलीट्री कैंप पर हमला कर 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसी दिन कुपवाड़ा क्षेत्र में सीमा पार से 30 आतंकी घुस आए जिसमें 12 आतंकियों को सेना के जवानों ने मार गिराया।

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