शनिवार, अक्तूबर 12, 2013

दरभंगा का ये मजदूर करोड़पति!

दरभंगा
शायद आपको विश्वास न हो कि रिक्शा चलाने वाला व मोटीया का काम करने वाला शख्स करोड़पति है। लेकिन यह कारनामा शहर के एक बड़े व्यापारी ने अपना काला धन छुपाने के लिए कर दिखाया है। सीधे सादे गरीब मजदूर को चंद रुपये का लोभ देकर बलि का बकरा बना दिया गया। रिक्शा चालक ने अपने खाते में महज पांच माह में तीन करोड़ रुपये जमा ही नहीं कराए बल्कि इसकी निकासी भी की। इसका खुलासा तब हुआ जब आयकर विभाग की नजर बैंकों में हो रहे जमा व निकासी पर पड़ी।
आइडीबीआइ बैंक के विभिन्न खातों पर नजर दौड़ाने पर पता चला कि एक शख्स के नाम से पांच माह में तीन करोड़ रुपये जमा व निकासी हुई है। वह भी बिना पैन कार्ड का इस्तेमाल किए। पूरी जानकारी लेने पर खातेदार के रूप में नगर थाना क्षेत्र के शुभंकरपुर के रत्नोपट्टी निवासी लक्ष्मी सहनी के पुत्र लालबाबू सहनी का नाम सामने आया। उसके नाम से खाता संचालित है। आयकर के अधिकारी जब तह तक पहुंचे तो शहर के धन्नासेठों की कारगुजारियों का पता चला। लालबाबू को आयकर विभाग ने नोटिस किया। उसने पूछताछ में बताया कि मेरे नाम से कैसे खाता खुला यह पता नहीं है। सूत्रों की मानें तो उसने बताया कि एक चेक पर हस्ताक्षर के चार सौ रुपये दिए जाते थे। फिलहाल मजदूर ठीक ढंग से बात नहीं कर पा रहा है। उसने जागरण को बताया कि रिक्शा चलाने व मछली मारने के अलावा एक व्यापारी के यहां काम करता है। इसी दौरान यह हुआ। बताया तो यह भी जा रहा है कि व्यापारी ने उसे विभाग तक नहीं पहुंचने देने की पूरी कोशिश की, पर विभाग की दबिश के आगे उनकी एक न चली।
बैंक की भी भूमिका संदिग्ध
इतनी बड़ी राशि की जमा व निकासी बिना पैन कार्ड के किए जाने से बैंक पर भी शिकंजा कसना तय माना जा रहा है। इधर प्रबंधक ने गोपनीयता की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
हो रही जांच
आयकर के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। इसकी जांच आयकर निदेशक निगरानी पटना द्वारा की जा रही है।
खुलेंगे कई राज
शहर में बड़े-बड़े कारोबारी अपना काला धन कैसे-कैसे और कहां-कहां इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पर से जल्द पर्दा हटेगा। यह बात तो तय मानी जा रही है कि बैंक से जो राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर की गई है, उसके डिटेल्स से सब पता चल जाएगा। कई अन्य मामले भी सामने आ सकते हैं।
विभाग वसूलेगा राशि
मजदूर द्वारा टैक्स चोरी किए जाने पर उसे तीसरा हिस्सा जुर्माना के रूप में देना होगा। ब्याज के साथ तीन गुना पेनाल्टी भी देनी होगी। कुल मिलाकर यह रकम पांच करोड़ हो जाती है। ऐसे में लालबाबू के हाथ-पांव अभी से फूल रहे हैं।

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