शुक्रवार, अक्तूबर 14, 2011

ऊंचाइयों की ओर देखो, इरादों को पंख लग जाएंगे: फलाबेर


Gazala Khan

गुस्ताव फलाबेर को 19वीं सदी के महानतम लेखकों में से एक माना जाता है। उनका जन्म फ्रांस में 1821 में हुआ था। उन्हें उनके उपन्यासों ने दुनिया भर में प्रसिद्ध दिलाई। मैडम बावेरी नाम का उनका उपन्यास प्रकाशन के डेढ़ सौ साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी लोगों और लेखकों के लिए समान रूप से चर्चा और प्रेरणा का विषय रहा है। फ्लाबेर को इन अर्थों में पहला आधुनिक उपन्यासकार भी कहा जा सकता है। 58 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। 
- किसी की याद से सुंदर बात कोई हो नहीं सकती, यादें बतलाती हैं कि आप हर चंद उसकी कमी महसूस करते हैं। 
- मुझे यकीन है कि वह व्यक्ति जो आसमानी ऊंचाइयों की ओर देखता है, उसके इरादों को एक दिन पंख जरूर लग जाते हैं। 
- सचाई आदर्श का पालन नहीं करती, बल्कि आदर्श कैसा हो यह तय कर देती है। 
- सचाई आपने आप में कुछ नहीं होती सिवाय एक अनुभव के। 
- मूर्खता से ठोस कोई दूसरी चीज आपको शायद ही मिलेगी। किसी में यह पनप जाए, तो हिलाए नहीं हिलती। आप इसकी सख्ती के आगे पस्त हो जाएंगे, यह टस से मस नहीं होगी। 
- आपकी जिंदगी के वे लमहे ही खुशी के नहीं हैं, जब आप सफल होते हैं। सबसे ज्यादा खुशी तब मिलती है जब आप नकार दिए जाने के बाद की हताशा में भी भावी जीवन की चुनौतियों से उलझना बंद नहीं करते। 
- किसी आदमी के महत्व को आंकना हो, तो यह जानने की कोशिश कीजिए कि उसके दुश्मन कितने हैं। 
- जब उम्मीद की लौ मद्धिम पड़े, तो यकीन करना कीजिए, जब यकीन से कोई बात शुरू हो तो संदेह का दामन थाम लीजिए। 
- दिन के अंत तक हर वह चीज अच्छी लगने लगती है जिसे हम एकटक देखते हैं। 
- प्रेम वसंत ऋतु में बढ़ने वाला पौधा है जो उम्मीद की खुशबू फैलाता है। 
- सभी झूठों में कला का झूठ सबसे कम झूठ है। 
- वह शख्स जो किसी काम में दिन-रात भिड़ा है, संभव है, वह उसमें महारत हासिल कर ले, लेकिन यही बात वह दिन-रात जो सोचता है, उस पर लागू नहीं होती।  

प्रस्तुति
गजाला खान
                                                                                                                       http://www.visharadtimes.com

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