गुरुवार, सितंबर 15, 2011

महंगे तोहफ नहीं, चाहिए अभिभावक का साथ

ब्रिटेन में व्यस्त रहने वाले ज्यादातर अभिभावक सोचते हैं कि वे अपने बच्चों को महंगे तोहफे देकर उन्हें खुश रख सकते हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सभी किशोर महंगे तोहफे नहीं बल्कि सुरक्षित पारिवारिक जीवन चाहते हैं। अभिभावक शिकायत करते हैं कि जब वे काम से घर लौटते हैं तो इतने थके हुए होते हैं कि उन्हें अपने बच्चों के साथ खेलने या उनसे बात करने में भी तकलीफ होती है। यूनिसेफ द्वारा किए गए एक शोध में चेतावनी दी गई है कि अभिभावक भौतिकवाद में फंसकर अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने से बचते हैं।

 

रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में अभिभावकों पर अत्यधिक दबाव होता है, जिसके चलते वे महंगे तोहफे खरीदकर अपने बच्चों को खुश करना चाहते हैं लेकिन सभी बच्चे अपने परिवारों के साथ समय बिताना चाहते हैं। बच्चों को पारिवारिक स्थायित्व से ज्यादा खुशी मिलती है।

काम के लम्बे घंटों के कारण अभिभावक बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते और अक्सर उन्हें महंगे सामान या कपड़े खरीदकर खुश करना चाहते हैं। यूनिसेफ का कहना है कि ब्रिटेन में हाल ही में हुए दंगों की एक वजह बढ़ता उपभोक्तावाद भी है। दंगों में बच्चों ने 11 स्टोर्स को लूटा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लक्ष्य कर बनाए गए विज्ञापनों का प्रसारण रोके और अभिभावकों को कम घंटे काम करने व अपने बच्चों के साथ घर पर ज्यादा समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करे। शिक्षा विभाग ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए पैसा दिया था। इससे पहले 2007 की यूनिसेफ रिपोर्ट में कहा गया था कि औद्योगिक दुनिया में बच्चों के लिए ब्रिटेन सबसे खराब देश है। स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन के 250 बच्चों पर यह शोध किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन और स्वीडन में अभिभावक भौतिकवादी वस्तुओं के बजाए परिवार के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देते हैं।







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