बुधवार, जुलाई 21, 2010

शरीर का रंग भी बताता है जातक का स्वभाव

शरीर के रंग के आधार पर किसी भी जातक का स्वभाव समुद्र शास्त्र या शरीर लक्षण विज्ञान के आधार पर जाना जा सकता है। भारत में सबसे अधिक लोगसांवले रंग के होते हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं अगर संपूर्ण विश्व की बात की जाए तो भी सांवले रंग के जातकों की संख्या सबसे अधिक होगी। इसे काले रंग से युक्त कहा जाता है क्योंकि यह एकदम गहरा काला रंग न होकर सफेद एवं लाल रंग से मिश्रित काला होता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इसके दो भेद होते हैं एक वह जो गौर वर्ण के अधिक निकट और दूसरा काले रंग के अधिक पास होता है। इसे गेहुंआ रंग भी कहा जाता है। प्रथम के अंतर्गत रजोगुण प्रधानता के साथ तमोगुण की हल्की सी प्रवृत्ति होती है। ऐसे जातक अस्थिर, परिश्रमी और कभी सुस्त, सामान्य बुद्धि वाले, सामान्य समृद्ध तथा सामान्य अध्ययन-मनन एवं चिंतनप्रिय तथा प्रायः उच्च मध्यम वर्ग के होते हैं। इसके विपरीत द्वितीय वर्ण वालों में उपरोक्त गुणों में कुछ न्यूनता आ जाती है अतः उस वर्ग को निम्न मध्यम वर्ग में रखा जाता है। इस वर्ण का प्रभाव स्त्रियों पर भी उसी प्रकार का होता है। फिर भी विशेष स्थिति में वे गृहस्थी के उतार-चढ़ाव में निंरतर संघर्षरत, धैर्यसम्पन्न, सहनशील, उदार, चंचल, भोगी एवं विश्वस्त होती है।

उम्र भी बताती है मस्तक रेखा


शरीर लक्षण विज्ञानियों के अनुसार मस्तक रेखाओं के आधार पर भी जातक की आयु का निर्धारण किया जा सकता है। इसके लिए जातक के ललाट की स्थिति, आकार-प्रकार, रंग तथा चिकनाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शुभ ललाट प्रत्येक रेखा में 25 प्रतिशत आयु की वृद्धि करता है तथा अशुभ ललाट उतने ही प्रतिशत आयु कम करता है।

1- मस्तक पर दो पूर्ण रेखाएं हो तो जातक की आयु लगभग 60 वर्ष होती है।

2- सामान्य मस्तक पर तीन शुभ रेखाएं हो तो जातक करीब 75 वर्ष की आयु प्राप्त करता है। यदि मस्तक श्रेष्ठ हो तो जातक की उम्र और भी और भी अधिक होती है।

3- निम्न ललाट पर भी शुभ गुणों से युक्त चार रेखाएं हों तो जातक की आयु लगभग 75 वर्ष होती है।

4- सामान्य मस्तक पर पांच उत्तम रेखाएं हों तो ऐसे जातक सौ वर्ष तक सुख भोगते हैं।

5- यदि उन्नत मस्तक पर पांच से अधिक रेखाएं हों तो जातक की आयु मध्यम और यदि मस्तक निम्न श्रेणी का हो तो जातक अल्पायु होता है।

6- मस्तक की किन्हीं दो रेखाओं के किनारे आपस में एक-दूसरे का स्पर्श करते हैं तो ऐसे जातक की आयु करीब 60 वर्ष होती है।

7- मस्तक पर यदि कोई रेखा न हो तो जातक को 25 से 40 वर्ष की आयु में पीड़ा देता है।

2 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

अच्छी रोचक जानकारी देती पोस्ट ...

माधव( Madhav) ने कहा…

nice