शुक्रवार, अप्रैल 16, 2010

102 साल की उम्र में जाती हैं स्कूल..

कहते हैं पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती। इसकी मिसाल है चीन की 102 साल की एक महिला। उन्हें आंखों से साफ दिखाई नहीं देता और कानों से सुनाई नहीं देता। इसके बावजूद उनके हौसले काफी बुलंद हैं। उम्र की इस दहलीज पर उन्होंने पहली कक्षा में दाखिला लिया है। मा जियूजिन प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली विश्व की सबसे उम्रदराज छात्र हैं। शैनडांग प्रांत की जियूजिन ने 13 साल की उम्र में काटन मिल में काम करना शुरू कर दिया था। उसके बाद उन्हें ताउम्र पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया। अब वह अपनी बरसों पुरानी तमन्ना पूरी कर रही हैं। जियूजिन ने कहा कि अपना सपना पूरा होता देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनके सपने को साकार करने में उनके सबसे छोटे बेटे 58 वर्षीय यी फेंगजिन ने मदद की। उन्होंने ही अपनी मां का पहली कक्षा में दाखिला कराया। उनके लिए विद्यालय का पहला दिन काफी सुखद रहा। कक्षा में दो शब्द बोलने के लिए कहे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं मेहनत से पढ़ाई कर देश के लिए अपना योगदान देना चाहती हूं। उनमें पढ़ने की उमंग इस कदर है कि अध्यापक को सुनने के लिए कानों की मशीन और किताबों को पढ़ने के लिए बड़े लेंस का इस्तेमाल करती हैं। 18 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी। उनके नौ बच्चे हैं। उन्होंने अपने सभी बच्चों को स्कूल भेजा। उनके बेटे फेंगजिन ने कहा कि मेरी मां ने हमें पढ़ाने के लिए अपने सारे जेवर तक बेच दिए। उनका सबसे बड़ा सपना एक दिन खुद स्कूल जाना था।

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