। कांग्रेस और तीसरे मोर्चे की ओर से उछाले जा रहे सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता की काट में भाजपा नेता जुट गए हैं। देश भर से जुटे मुस्लिम कार्यकर्ताओं के सम्मेलन मे खुद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें मंत्र दिया कि घर-घर जाकर इस बार भाजपा को मौका देने का संदेश पहुंचाएं। कभी कोई गलती हुई हो तो सिर झुकाकर उसके लिए माफी भी मांग लें।
एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सच्चे धर्मनिरपेक्ष हैं। अरुण जेटली ने उन्हें भरोसा दिलाया कि नरेंद्र मोदी देश में दंगामुक्त शासन देंगे, जिसमें सभी सुरक्षित हों। ़मंगलवार शाम मोदी की सोच पर लिखी गई किताब 'मोदीत्व' का भी विमोचन हुआ इसमें मोदी के शब्दों में बताया गया है कि सभी का समान विकास होगा।
मिशन-272 प्लस का लक्ष्य हासिल करने के लिए भाजपा दलित समीकरण दुरुस्त करने में जुट गई है। साथ ही मुस्लिम वर्ग में भी पैठ बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मंगलवार के अल्पसंख्यक कार्यक्रम में पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद थे। राजनाथ ने कहा, 'कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएं कि कांग्रेस और दूसरे दल भाजपा के लिए भय पैदा कर रहे हैं। गुजरात दंगे को लेकर वर्षो तक हायतौबा मचाई गई, लेकिन कोर्ट ने बरी कर दिया। सबको आजमाया अब भाजपा को आजमा कर देख लें। फिर भी कोई गलती हुई हो या हो जाए तो सिर झुकाकर माफी मांगने के लिए तैयार हैं।'
मंच पर मौजूद जेटली ने दावा किया कि मोदी देश को दंगामुक्त शासन देंगे। फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा मुस्लिमों को राजनीतिक लाभ का सामान नहीं मानती है। वह हर किसी को समान अवसर और स्वतंत्रता देना चाहती है।
मंगलवार शाम राजनाथ ने 'मोदीत्व' का विमोचन किया, तो उसमें भी देश के विकास का खाका बताया गया। धर्मनिरपेक्षता, अल्पसंख्यक, शासन जैसे मुद्दों पर मोदी की सोच का बखान किया गया है। राजनाथ ने मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'धर्मनिरेक्षता का मतलब है इंडिया फर्स्ट। जहां देश सबसे आगे हो और उसके बाद सबका विकास।' उन्होंने कहा कि दंगे कई पार्टियों के राज में हुए हैं, लेकिन भाजपा को बदनाम किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा शासित राज्यों में दंगों का इतिहास बहुत कम है।
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मोदीत्व का सार
सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेस के संस्थापक सदस्य सिद्धार्थ मजूमदार की लिखी किताब मोदीत्व का सार यह है कि प्रशासन में मोदी ने वही सोच दिखाई है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल साबित रही है। प्रशासन से जुड़े 14 मुद्दों पर मोदी की सोच, गुजरात में उसका क्रियान्वयन व फायदे और अलग-अलग देशों में पहले अपनाई गई ऐसी ही नीति का वर्णन किया गया है।
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