नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शुक्रवार को जन्मदिन है। वे 80 साल के हो चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और उनके लंबे, स्वस्थ जीवन की कामना की। पीएम ने कहा कि राष्ट्रपति जी के सौम्य आचरण के सभी लोग कायल हैं,वो देश के धरोहर हैं जिनका मार्गदर्शन भारत की प्रगति के लिए बेहद ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रणब दा ने कभी भी अपने और परायों में भेद नहीं किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जन्मदिन पर बधाई दी। छह दशके लंबे राजनैतिक करियर की शुरुआत प्रणब मुखर्जी ने 1969 से शुरू की थी। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के लिए हुए उपचनुाव में निर्दलीय उम्मीदवार वी के मेनन का सफलतापूर्वक चुनाव प्रचार संभाला था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांगेस में शामिल कर लिया।
कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने विभिन्न सरकारों में कई पद संभाले। राष्ट्रपति बनने से पहले वह 2009 से लेकर 2012 तक देश के वित्तमंत्री रहे। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। 1969 में इंदिरा गांधी ने उन्हें कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा का सांसद बनाया। बहुत कम समय में उनका कद बहुत बढ़ गया और इंदिरा के सबसे विश्वास पात्रों में से एक थे। 1973 में इंदिरा ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल कर लिया था।
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 में वर्तमान पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले के मिराती में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वह 1952 से
लेकर 1964 तक पश्चिम बंगाल के ऊपरी सदन के सदस्य रहे।
प्रणब मुखर्जी ने अपने कॉलेज की पढ़ाई सुरी स्थित सुरी विद्यासागर कॉलेज से पूरी की। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम ए और विधि की डिग्रियां भी हासिल की। कलकत्ता में उन्होंने पोस्ट और टेलीग्राफ कार्यालय में नौकरी भी की। 1963 में वह विद्यासागर कॉलेज राजनीति शास्त्र भी पढ़ाया। राजनीति में आने से पहले देशेर डाक नामक अखबार में पत्रकार का काम करते थे।
मुखर्जी को 27 जनवरी 1978 को कांग्रेस वर्किंग समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। इसी साल उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के केंद्रीय संसदीय समिति बोर्ड में भी शामिल किया गया था। इसी साल उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी का कोषाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था।
कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने विभिन्न सरकारों में कई पद संभाले। राष्ट्रपति बनने से पहले वह 2009 से लेकर 2012 तक देश के वित्तमंत्री रहे। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। 1969 में इंदिरा गांधी ने उन्हें कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा का सांसद बनाया। बहुत कम समय में उनका कद बहुत बढ़ गया और इंदिरा के सबसे विश्वास पात्रों में से एक थे। 1973 में इंदिरा ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल कर लिया था।
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 में वर्तमान पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले के मिराती में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वह 1952 से
लेकर 1964 तक पश्चिम बंगाल के ऊपरी सदन के सदस्य रहे।
प्रणब मुखर्जी ने अपने कॉलेज की पढ़ाई सुरी स्थित सुरी विद्यासागर कॉलेज से पूरी की। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम ए और विधि की डिग्रियां भी हासिल की। कलकत्ता में उन्होंने पोस्ट और टेलीग्राफ कार्यालय में नौकरी भी की। 1963 में वह विद्यासागर कॉलेज राजनीति शास्त्र भी पढ़ाया। राजनीति में आने से पहले देशेर डाक नामक अखबार में पत्रकार का काम करते थे।
मुखर्जी को 27 जनवरी 1978 को कांग्रेस वर्किंग समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। इसी साल उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के केंद्रीय संसदीय समिति बोर्ड में भी शामिल किया गया था। इसी साल उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी का कोषाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था।
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