गुरुवार, मार्च 06, 2014

कुलपति के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे की मांग, पुतला फूंका

लखनऊ। मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में पाक जिंदाबाद के नारे लगाने और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर छात्रों में रोष व्याप्त है। विरोध में छात्रों ने कल रात कुलपति मंजूर अहमद के खिलाफ नारेबाजी कर उनका पुतला फूंका। छात्रों ने कहा कि सुभारती विवि में पाक जिंदाबाद के नारे लगाने वाले कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज न कर उन्हें सुरक्षा में दिल्ली छोड़ा गया। यह भी भरोसा दिया कि मामला शांत होने पर उन्हें वापस बुलाया जाएगा। इसमें शामिल कुलपति के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। देश के युवाओं में आक्रोश व्याप्त है। भाजपा युवा कार्यकर्ता मोहित पंडित की अगुवाई में छात्रों ने हाईवे पर सुभारती के कुलपति का पुतला फूंका। उधर, कश्मीरी छात्रों के रवैये पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी का कहना है कि चाहे वह सुभारती का मामला हो या कहीं और का, ऐसे लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा पुलिस को कायम कर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि यह मामला राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। वरिष्ठ अधिवक्ता केके पहवा का कहना है कि ये सीधे राष्ट्रद्रोह का मामला बनता है। ऐसे मामले में पुलिस को अपनी तरफ से आइपीसी की धारा 124, 124ए, 125,153, 153ए के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।
कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले कश्मीरी छात्रों के मामले में अभी तक स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी और पुलिस कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर पाई है। विश्वविद्यालय ने खुद मामले की जांच बैठा दी है। माना गया कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर तोड़फोड़ करने वाले 12 छात्र थे लेकिन मौके पर मौजूद 66 छात्रों ने चुप्पी साध ली थी। किसी ने तोड़फोड़ और नारेबाजी करने वाले छात्रों का नाम उजागर नहीं किया। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 66 छात्रों को निलंबित कर दिया था।
क्रिकेट मैच को लेकर हंगामा
भारत-पाकिस्तान के बीच रविवार को मैच में पाक की जीत के बाद स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी हॉस्टल वीएचआर में रह रहे 66 कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। दूसरे छात्रों ने इसका विरोध किया। तभी कश्मीरी छात्रों ने हॉस्टल में फर्नीचर और शीशे तोड़ दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी 66 छात्रों को निलंबित कर दिल्ली छोड़ दिया था, जहां से सभी घर लौट गए। इसके बाद भी पुलिस और विवि मामले में चुप्पी साधे है। सुभारती विश्वविद्यालय मामले को लेकर स्थानीय खुफिया ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। पुलिस ने हाथ अभी तक इस मामले को दर्ज तक नहीं किया है। मेरठ की स्थानीय पुलिस का कहना है कि कोई मामला नहीं बनता है। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर छात्रों को दिल्ली पहुंचा दिया था।
माफीनामा देने पर एडमिशन
वीसी मंजूर अहमद की मानें तो विवि जांच में सामने आया कि गलती 12 छात्रों ने की थी जबकि 66 छात्रों को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि सभी छात्र एकजुट होकर एक-दूसरे की गलती बताने को तैयार नहीं थे। 250 छात्रों में इस प्रकार की गलती करने वाले छात्रों का एडमिशन भी सितंबर से 15 अक्टूबर तक हुआ था। वीसी सुभारती विवि मंजूर अहमद का कहना है कि यदि छात्र लौटने के बाद माफी मांगते हैं तो उन्हें एंट्री दी जाएगी। माफीनामा लिखित देना होगा।

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