लखनऊ/मुरादाबाद. चुनाव की तारीख घोषित होने के दिन ही 'आम आदमी पार्टी' गंभीर मुसीबत में फंस गई। गुजरात में अरविंद केजरीवाल का काफिला रोके जाने के बाद जहां दिल्ली सहित कई शहरों में 'आप' और भाजपा कार्यकर्ताओं में खूनी झड़प से माहौल गरमा गया, वहीं आम आदमी पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष चरम पर पहुंचता जा रहा है।
आम आदमी पार्टी में अब टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष के अलावा गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए हैं। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य अश्विनी कुमार ने बुधवार को आरोप लगाया कि अधिकतर लोकसभा टिकट पहले से ही तय थे और फोर्ड फाउंडेशन से ताल्लुक रखने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिए गए।
आप का संस्थापक सदस्य होने का दावा करने के साथ ही उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुरादाबाद सीट का टिकट एक करोड़ रुपये में बेचा गया है। इस आरोप को साबित करने के सवाल पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उधर, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। आप के प्रवक्ता दीपक बाजपेई ने कहा अश्विनी विधिक प्रकोष्ठ के संयोजक नहीं है, केवल कार्यकर्ता हैं। टिकट वितरण के बाद कुछ असंतुष्ट सामने आए हैं, पार्टी पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
अश्विनी ने कहा कि टिकट पहले से तय थे। पार्टी ने केवल फार्म जमा करने वाले लोगों के डाटा का इस्तेमाल करने के लिए उनसे आवेदन लिए। आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रत्याशियों से लोकसभा टिकट की दावेदारी के लिए एक फार्म भरकर जमा कराने के लिए कहा गया था, जिसमें लोकसभा क्षेत्र की हर विधानसभा से 100 लोगों के हस्ताक्षर और समर्थन प्राप्त करने को कहा गया था।
पार्टी के विधिक प्रकोष्ठ के संयोजक होने का दावा करने वाले अश्विनी ने यह भी कहा कि उम्मीदवार बनने की चाह रखने वाले लोगों का समर्थन करने वालों के संपर्क ब्योरे का पार्टी ने इस्तेमाल किया है। उन्होंने बताया कि चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के लिए करीब 164 लोगों ने आवेदन किया। पूर्वी दिल्ली से 213, उत्तरी दिल्ली से 225, हिसार से 60, गुडग़ांव से 50 और नागपुर से 60 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया।
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