रविवार, मार्च 16, 2014

गड़बड़ी मिली तो प्रिंटिंग प्रेस संचालकों पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का सही लेखाजोखा रखने के लिए राजधानी में स्थित सभी प्रिंटिंग प्रेस पर सख्ती बढ़ा दी गई है। उन्हें स्पष्ट रूप से आदेश दिया गया है कि किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रिंटिंग प्रेस को जब्त कर उसके संचालक के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकता है।
चुनाव आयोग का मानना है कि अधिकांश पोस्टर, पंपलेट व अन्य छपी हुई प्रचार सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम नहीं लिखा होता है, जबकि कानूनी रूप से यह जरूरी है। मुद्रक व प्रकाशक का नाम नहीं होने की वजह से उम्मीदवारों के चुनाव खर्च का हिसाब रखने में दिक्कत होती है। इसलिए 5 मार्च से इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए हैं कि नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रिंटिंग प्रेस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव कहते हैं कि उन्हें शिकायत मिली है कि काफी संख्या में प्रिंटिंग प्रेस बिना लाइसेंस के चल रही हैं। उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस चल रहीं सभी प्रिंटिंग प्रेस को जब्त किया जाएगा, जबकि लाइसेंस वाली प्रिंटिंग प्रेस की भी जांच की जाएगी कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सामग्री की भी जांच के तहत रखा जाएगा। मानक के अनुरूप सामग्री का प्रयोग नहीं करने वाले तथा मुद्रक व प्रकाशक का नाम नहीं लिखने वाली प्रिंटिंग प्रेस को सील करने के साथ उसके मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
नमो टी पर आयोग पहुंची भाजपा
लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार से अधिसूचना लागू हो गई है। इससे भाजपा अब 'नमो टी' अपने खाते से नहीं पिला सकेगी। इसके लिए पार्टी ने चुनाव आयोग से इजाजत मांगी है। भाजपा ने दिल्ली के कई स्थानों का ब्यौरा दिया है जहां पर वह जनता को चुनावी चर्चा के साथ 'नमो टी' पिलाना चाहती है। दिल्ली के अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी नीरज भारती का कहना है कि उन्हें भाजपा की ओर से 'नमो टी' पिलाने की अनुमति देने के संबंध में देर शाम पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि पहले वह इसका अध्ययन करेंगे और उसके बाद ही स्वीकृति देने के बारे में कुछ कह सकेंगे। निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि सब कुछ नियम के अनुसार है तो भाजपा को इसकी अनुमति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अब यह भी देखना होगा कि नमो टी किसी प्रत्याशी के लिए आयोजित हो रही है तो उसका खर्च पार्टी के खाते में नहीं बल्कि प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा। ऐसे में प्रत्याशी को इसके लिए अनुमति लेनी होगी। अब चुनाव आयोग मोदी की चाय का हिसाब प्रत्याशियों से लेगा। अभी तक नमो टी का खर्च भाजपा के खाते में जुड़ रहा था। इस मामले में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव कहते हैं कि अधिसूचना लागू होने के बाद 'नमो टी' पार्टी का खर्च प्रत्याशी के खर्च में जुड़ेगा। आयोजन के बारे में प्रत्याशी को पहले ही चुनाव आयोग को जानकारी देनी होगी। शनिवार से दिल्ली में चुनाव के लिए अधिसूचना लागू हो गई है। जिसके तहत अब नमो टी का खर्च पार्टी के खाते में नहीं बल्कि प्रत्याशियों के खाते में जुड़ेगा।

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