शनिवार, मार्च 29, 2014

'आतंकी भटकल का दोस्त बीजेपी में शामिल, दाऊद भी होगा'

'आतंकवादी का दोस्त बीजेपी में शामिल'


भाजपा में एक बार फिर से उठापटक शुरू हो गई है। भाजपा के एक बड़े नेता ने आरोप लगाया कि आतंकवादी के दोस्त को बीजेपी में शामिल किया गया है। जल्द ही दाऊद को भी शामिल कर लिया जाएगा।

जदयू छोड़कर भाजपा में शामिल हुए साबिर अली पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने रोष जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अभी आतंकवादी भटकल के दोस्त को बीजेपी शामिल किया गया है बात में दाऊद इब्राहिम को भी भाजपा में शामिल कर लिया जाएगा।

एमजे अकबर के बाद मिला एक और मुस्लिम नेता

वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर के बाद अब भाजपा को साबिर अली के तौर पर एक और अल्पसंख्यक चेहरा मिल गया है। कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे राज्यसभा सांसद साबिर अली शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होते ही वे भी नमो-नमो का जाप करने लगे।

बिहार के पासमांदा यानी दलित व पिछड़े मुसलिम समाज के नेता साबिर अली को भाजपा अब नरेंद्र मोदी की ‘भारत विजय रैलियों’ में चुनाव प्रचार के लिए उतारेगी। राम विलास पासवान, उदित राज, एमजे अकबर के बाद अब साबिर अली के साथ आ जाने से भाजपा को नरेंद्र मोदी के पक्ष में अन्य राजनीतिक दलों में भी सियासी माहौल बदलने की उम्मीद है।

साबिर अली को जदयू ने लोकसभा चुनाव में बिहार की शिवहर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने टिकट लौटा दी। शुक्रवार को भाजपा में शामिल होने से पहले वे पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिले।

समर्थकों के संग बीजेपी में शामिल हुए साबिर अली

भाजपा के बिहार प्रभारी महासचिव धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए साबिर अली ने कहा कि देश को आज भाजपा जैसी पार्टी व नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होने से पहले वे गुजरात गए और वहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से मिले। वहां लोगों से बातचीत करने तथा उनकी हालात देखने के बाद सच्चाई देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि मोदी को लेकर विपक्षी दल जो बातें कहते हैं, वे गलत हैं। नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि� वे मन में कुछ सोचते हैं और बोलते कुछ और हैं।

नीतीश खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा से मोदी को उम्मीदवार बनाने पर उन्हें अपना सपना टूटता दिखा। इस पर उन्होंने अल्पसंख्यकों का बहाना बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया। साबिर ने कहा कि इसी वजह से उन्होंने जदयू छोड़ दी।

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