गाजियाबाद छोड़ लखनऊ गए राजनाथ
गाजियाबाद लोकसभा सीट पर हाई प्रोफाइल चुनावी जंग लड़ी जा रही है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के गाजियाबाद छोड़कर लखनऊ चले जाने और जनरल वीके सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद वेस्ट यूपी के इस संसदीय क्षेत्र पर सभी की नजरें टिक गई हैं।
शहरी और ग्रामीण आबादी की इस मिली-जुली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर का स्टारडम और राजनीतिक समझ कसौटी पर है। आम आदमी पार्टी ने युवा नेत्री शाजिया इल्मी पर दांव लगाकर सियासी तपिश बढ़ा दी है।
लंबी सक्रियता और बेस वोट के बल पर बसपा के मुकुल उपाध्याय ताल ठोक रहे हैं। वहीं सपा के सुधन रावत अकेले स्थानीय उम्मीदवार हैं। यह मुद्दा बन रहा है। कई जगह बाहरी उम्मीदवारों के खिलाफ बैनर टंगे हुए दिख रहे हैं।
शहरी और ग्रामीण आबादी की इस मिली-जुली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर का स्टारडम और राजनीतिक समझ कसौटी पर है। आम आदमी पार्टी ने युवा नेत्री शाजिया इल्मी पर दांव लगाकर सियासी तपिश बढ़ा दी है।
लंबी सक्रियता और बेस वोट के बल पर बसपा के मुकुल उपाध्याय ताल ठोक रहे हैं। वहीं सपा के सुधन रावत अकेले स्थानीय उम्मीदवार हैं। यह मुद्दा बन रहा है। कई जगह बाहरी उम्मीदवारों के खिलाफ बैनर टंगे हुए दिख रहे हैं।
मोदी इफेक्ट के बाद भी छोड़ी सीट
गाजियाबाद से वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव राजनाथ सिंह लड़े थे। उस समय भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल का चुनावी गठबंधन था। बाद में अजित सिंह यूपीए में शामिल हो गए और मंत्री बन गए।
अब वह कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। मोदी इफेक्ट के दौर में राजनाथ का गाजियाबाद से जाना चर्चा में है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी कहते हैं, राजनाथ सिंह के चुनाव क्षेत्र बदलने का गलत संदेश गया है।
उन्होंने बताया कि बतौर सांसद वह आम पब्लिक से न तो जुड़ाव बना पाए और न ही लोगों की उम्मीदों के मुताबिक कामकाज करा पाए। शायद इसी वजह से सीट बदली।
अब वह कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। मोदी इफेक्ट के दौर में राजनाथ का गाजियाबाद से जाना चर्चा में है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी कहते हैं, राजनाथ सिंह के चुनाव क्षेत्र बदलने का गलत संदेश गया है।
उन्होंने बताया कि बतौर सांसद वह आम पब्लिक से न तो जुड़ाव बना पाए और न ही लोगों की उम्मीदों के मुताबिक कामकाज करा पाए। शायद इसी वजह से सीट बदली।
पीएम की कुर्सी पर नजर तो नहीं?
राजनगर में कैपिटल कंसल्टेंट विवेक शर्मा और संजय त्यागी मानते हैं कि राजनाथ सिंह ने हारने के डर से नहीं, प्रधानमंत्री पद पर नजर की वजह से गाजियाबाद छोड़ा है।
लखनऊ सीट से चुनाव लड़कर अटल बिहारी वाजपेयी की तरह उन्हें प्रधानमंत्री पद दिख रहा होगा। काम नहीं करने के कारण उनमें यहां चुनाव को लेकर असुरक्षा की भावना भी हो सकती है।
मुरादनगर में हाईवे पर स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाने वाले दीपक शर्मा राजनाथ सिंह के पलायन की मुख्य वजह हार का डर मानते हैं।
लखनऊ सीट से चुनाव लड़कर अटल बिहारी वाजपेयी की तरह उन्हें प्रधानमंत्री पद दिख रहा होगा। काम नहीं करने के कारण उनमें यहां चुनाव को लेकर असुरक्षा की भावना भी हो सकती है।
मुरादनगर में हाईवे पर स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाने वाले दीपक शर्मा राजनाथ सिंह के पलायन की मुख्य वजह हार का डर मानते हैं।
शहर में हर जगह हो रहे चुनाव के चर्चे
इंदिरापुरम के अभय खंड में कई लोग चुनावी आकलन कर रहे हैं। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लि. के महाप्रबंधक ध्रुव गुप्ता बताते हैं कि कॉलोनी से ऑफिस तक हर जगह चुनाव के चर्चे हैं। सभी जगह मोदी पसंद किए जा रहे हैं।
एयरटेल के फ्रेंचाइजी योगेश शर्मा कहते हैं, लोग कुशासन से मुक्ति चाहते हैं। एनपी सिंह, गोपाल प्रसाद शर्मा और वीके आहूजा कहते हैं कि देश में पिछले कुछ बरसों में लीडरशिप का संकट रहा।
केजरीवाल की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम भी मोदी विरोध पर जाकर टिक गई है। उनकी नजर भी मुलायम सिंह की तरह अल्पसंख्यक वोटों पर टिकी हैं।
एयरटेल के फ्रेंचाइजी योगेश शर्मा कहते हैं, लोग कुशासन से मुक्ति चाहते हैं। एनपी सिंह, गोपाल प्रसाद शर्मा और वीके आहूजा कहते हैं कि देश में पिछले कुछ बरसों में लीडरशिप का संकट रहा।
केजरीवाल की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम भी मोदी विरोध पर जाकर टिक गई है। उनकी नजर भी मुलायम सिंह की तरह अल्पसंख्यक वोटों पर टिकी हैं।
युवाओं में आप और मोदी का क्रेज
वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी गाजियाबाद सीट पर फिलहाल वीके सिंह का पलड़ा भारी आंकते हैं। कहते हैं, यहां ‘आप’ कोई फैक्टर नहीं है। यूथ का झुकाव भाजपा की तरफ है। हालांकि कुछ युवा ‘आप’ के साथ भी हैं।
उनके मुताबिक, गाजियाबाद में एक्स सर्विसमैन काफी हैं। वीके सिंह को इसका लाभ मिलेगा। जाटों में आरक्षण मिलने का असर है। पहले जाटों का रुझान पूरी तरह भाजपा की तरफ था लेकिन अब वे बदल रहे हैं। कालकागढ़ी पर कार एसेसरीज की दुकान चलाने वाले केके सिंघल कहते हैं कि राजनाथ सिंह ने पार्टी नेताओं के अंतर्विरोधों के चलते सीट छोड़ी है। वह चुनाव लड़ते तो फिर जीतते।
बहरहाल वह मानते हैं इस सीट से वीके सिंह का बाहरी प्रत्याशी होना भाजपा के हित में है। कोई लोकल होता तो गुटबंदी हावी हो जाती।
उनके मुताबिक, गाजियाबाद में एक्स सर्विसमैन काफी हैं। वीके सिंह को इसका लाभ मिलेगा। जाटों में आरक्षण मिलने का असर है। पहले जाटों का रुझान पूरी तरह भाजपा की तरफ था लेकिन अब वे बदल रहे हैं। कालकागढ़ी पर कार एसेसरीज की दुकान चलाने वाले केके सिंघल कहते हैं कि राजनाथ सिंह ने पार्टी नेताओं के अंतर्विरोधों के चलते सीट छोड़ी है। वह चुनाव लड़ते तो फिर जीतते।
बहरहाल वह मानते हैं इस सीट से वीके सिंह का बाहरी प्रत्याशी होना भाजपा के हित में है। कोई लोकल होता तो गुटबंदी हावी हो जाती।
मुकाबले को लेकर अपने-अपने दावे
एनएच-24 स्थित डासना में बर्फ के कारोबारी असलम मिर्जा को लगता है कि शाजिया का मुकाबला भाजपा से होगा। आस मोहम्मद भी उनकी बातों का समर्थन करते हैं। कहते हैं, नई सोच के लोग शाजिया को पसंद कर रहे हैं। मुस्लिम बंट रहे हैं, लेकिन ‘आप’ की तरफ ज्यादा जाते दिख रहे हैं।
एनए-24 पर गंगापुरम में शिवालिक हॉस्पिटल के संचालक दीपक चौधरी का मानना है कि मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच है। कहते हैं, वोटर कांग्रेस को पसंद नहीं कर रहा है, इसका नुकसान राज बब्बर को होगा।
वहीं, गाजियाबाद शहर के संजय नगर में 81 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल खैराली लाल शर्मा जनरल वीके सिंह के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाते हैं। कहते हैं कि उनका स्टेटस पॉलीटिशियन से मैच नहीं करता। जनरल का ताउम्र का एक प्रोटोकॉल होता है। विरोध में नारेबाजी, काले झंडे, वोट के लिए गिड़गिड़ाना, ये सब जनरल रैंक पर रह चुके अफसर को शोभा नहीं देते। फिर भी वह जनरल की जीत के लिए दुआ करेंगे।
एनए-24 पर गंगापुरम में शिवालिक हॉस्पिटल के संचालक दीपक चौधरी का मानना है कि मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच है। कहते हैं, वोटर कांग्रेस को पसंद नहीं कर रहा है, इसका नुकसान राज बब्बर को होगा।
वहीं, गाजियाबाद शहर के संजय नगर में 81 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल खैराली लाल शर्मा जनरल वीके सिंह के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाते हैं। कहते हैं कि उनका स्टेटस पॉलीटिशियन से मैच नहीं करता। जनरल का ताउम्र का एक प्रोटोकॉल होता है। विरोध में नारेबाजी, काले झंडे, वोट के लिए गिड़गिड़ाना, ये सब जनरल रैंक पर रह चुके अफसर को शोभा नहीं देते। फिर भी वह जनरल की जीत के लिए दुआ करेंगे।
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