रविवार, मार्च 16, 2014

शहीद हुए जवान की पत्नी बनी लेफ्टिनेंट

चेन्नई। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पति को खो चुकी 26 वर्षीय प्रिया सेमवाल ने नया इतिहास लिखा है। बिखरी जिंदगी को संभालते हुए उन्होंने सेना में अधिकारी बनने की तैयारी शुरू की। हिम्मत और मेहनत रंग लाई। उन्होंने शनिवार को सेना के इलेक्टिकल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ईएमई) विभाग में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन लिया। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में पासिंग आउट परेड के दौरान वह उन 256 गर्वीले युवक और युवतियों में शामिल थीं, जिन्हें भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।
सेमवाल के पति नायक अमित शर्मा वर्ष 2012 में अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ी तवांग इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हो गए थे।
यह पहला मामला है जब एक गैर कमीशन अधिकारी (एनसीओ) की पत्नी सेना में अधिकारी बनी है। वर्ष 2006 में विवाह के समय प्रिया कॉलेज में पढ़ रहीं थीं। जब उन्होंने पति को खोया, तब बेटी गोद में थी और वह सामान्य सी गृहिणी थीं। तब उन्होंने गुजर-बसर के लिए देहरादून के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में काम शुरू किया। उनके पास तब गणित में एमए की डिग्री थी।
114वीं राजपूत रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अरुण अग्रवाल ने कहा, 'सेमवाल के पति अमित शर्मा मेरी यूनिट में थे। मुझे जब पता चला कि वह हमेशा अपनी पत्नी को आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित करते थे। तब मुझे लगा कि वह एक अधिकारी बन सकती है।'
कर्नल अग्रवाल ने प्रिया के भाई से बात की तब अंदाज नहीं था कि प्रिया ऐसा भी कुछ कर सकती है। भाई ने कहा, ' बहन ने अभी-अभी पति को खोया है, वह ये सब कैसे कर सकेगी, उससे कैसे सेना में अधिकारी बनने की तैयारी करने के लिए कहा जाए।'
प्रिया को भी मनाना आसान नहीं था लेकिन जब एक बार उसे भरोसा हो गया कि उसे पति की जगह सेना में जाना है तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी छह साल की बेटी ख्वाहिश को गोद में उठाते हुए प्रिया सेमवाल ने कहा, 'कर्नल की सलाह ने मुझे बहुत प्रेरित किया। पति के जाने के बाद मुडो नहीं पता था कि मुडो क्या करना है। फिर अहसास हुआ कि मुडो पति की तरह सेना में जाना है।' अब उनकी इच्छा सेना की ईएमई में रहते हुए बीटेक डिग्री हासिल करने की है। प्रिया की बेटी ख्वाहिश इस समय देहरादून के जीसस एंड मेरी स्कूल में पढ़ रही है और मां की तरह की सेना में जाना चाहती है।

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