शुक्रवार, मार्च 07, 2014

हटाए गए कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव, सोलंकी पर मुकदमा

लखनऊ। कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव हटाए तो गए लेकिन तब जबकि गुरुवार को अदालत ने प्रमुख सचिव, गृह और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को तलब कर लिया। राज्य सरकार ने अपनी ओर से उन्हें हटाने की पहल नहीं की। यादव को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। इधर उनके हटने की खबर आम हुई और थोड़ी ही देर बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को अधिकारियों ने बताया कि कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है।
इसके बाद जूनियर-सीनियर सभी डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली और करीब एक हफ्ते तक राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बंधक बनाने वाले प्रकरण का फिलहाल पटाक्षेप हो गया। गुरुवार को घटनाक्त्रम तेजी से चला। अदालत ने बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि उसके आदेश पालन में आदर्श आचार संहिता बाधा नहीं होगी लेकिन इसके बावजूद सरकार एसएसपी को नहीं हटा सकी थी।
गुरुवार सुबह दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने जब डाक्टरों पर एस्मा लगाने के संदर्भ में बड़े अधिकारियों को तलब किया तो सरकार हरकत में आयी और यशस्वी यादव को हटाया। उधर कानपुर में आइएमए अध्यक्ष डा.आरतीलाल चंदानी ने अनशनकारी डाक्टरों को बताया कि मुख्यमंत्री ने डाक्टरों की समस्या समझने की जिम्मेदारी रेशम एवं वस्त्र उद्योग मंत्री शिव कुमार बेरिया को सौंपी है और उन्होंने फोन कर जल्द बैठने का भरोसा दिया है।
साथ ही छात्रों पर दर्ज केस समाप्त करने के लिए मंडलायुक्त को निर्देश दिये गए हैं। तब जाकर जूनियर डाक्टर अनशन खत्म करने को तैयार हुए। वहीं, एसपी पश्चिम गौरव सिंह ने बताया कि जूनियर डाक्टर हिमांशु कुमार सिंह की तहरीर पर सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके गनर और अज्ञात के खिलाफ स्वरूपनगर थाने में हत्या का प्रयास, बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
उधर, लखनऊ के हमारे विधि संवाददाता के अनुसार उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को आदेश दिए हैं कि वह अपनी निगरानी में पुलिस बर्बरता तथा दर्ज रिपोर्ट की विवेचना कराएं। हालांकि पीठ ने पहले से गठित एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग से भी कहा है वह पूर्व आदेश के पालन में तीन सप्ताह में जांच पूरी कर अदालत को अवगत कराएं।
मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने यह आदेश गुरुवार को नूतन ठाकुर द्वारा दायर याचिका पर दिए। पीठ ने गुरुवार को दोपहर दो बजे बड़े अधिकारियों को तलब कर कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर प्रमुख सचिव गृह व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने कोर्ट में उपस्थित होकर बताया कि बुधवार को विधायक के खिलाफ भी मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। अदालत ने कहा कि न्यायिक आयोग निष्पक्ष जांच करेगा जिसकी निगरानी हाईकोर्ट द्वारा की जाएगी।
यशस्वी के कृत्यों की जांच करेगा आयोग :कानपुर घटना की जांच के लिए सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरएम चौहान की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने यह जानकारी दी। इसके पहले आयोग गठन की सूचना जारी करते हुए प्रमुख सचिव, गृह अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि आयोग का मुख्यालय लखनऊ तथा कैंप कार्यालय कानपुर में होगा।
गुप्ता ने बताया कि यह आयोग मेडिकल कालेज कानपुर तथा उसके पास के पेट्रोल पंप पर घटित घटनाओं के संबंध में जांच कर तीन सप्ताह में शासन को रिपोर्ट देगा।हटाया। उधर कानपुर में आइएमए अध्यक्ष डा.आरतीलाल चंदानी ने अनशनकारी डाक्टरों को बताया कि मुख्यमंत्री ने डाक्टरों की समस्या समझने की जिम्मेदारी रेशम एवं वस्त्र उद्योग मंत्री शिव कुमार बेरिया को सौंपी है और उन्होंने फोन कर जल्द बैठने का भरोसा दिया है।
साथ ही छात्रों पर दर्ज केस समाप्त करने के लिए मंडलायुक्त को निर्देश दिये गए हैं। तब जाकर जूनियर डाक्टर अनशन खत्म करने को तैयार हुए। वहीं, एसपी पश्चिम गौरव सिंह ने बताया कि जूनियर डाक्टर हिमांशु कुमार सिंह की तहरीर पर सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके गनर और अज्ञात के खिलाफ स्वरूपनगर थाने में हत्या का प्रयास, बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

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