बांका। बिहार के बांका जिले के बेलहर थाना क्षेत्र की उत्तरी कस्बा बसलिया पंचायत स्थित दुधनिया गांव के पास बुधवार शाम आबरू बचाने की कोशिश में तीन महिलाओं ने बदुआ डैम में छलांग लगा दी। ग्रामीणों ने गुरुवार को तीनों के शव नहर से बाहर निकाले। ग्रामीणों ने बताया कि महिलाओं ने बदमाशों से अपनी इज्जत बचाने के लिए नहर में छलांग लगाई, जबकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है।
तीनों महिलाएं बुधवार शाम गांव से ढाई किलोमीटर दूर सुग्गी वरण जंगल में जलाने के लिए पत्ते व सूखी लकड़ियां बीनने गई थीं। उनके साथ गई आठ वर्षीय बालिका रबिता कुमारी का कहना है कि जंगल में दो लोगों ने उनका पीछा किया था। उनसे बचने की कोशिश में ये घटना हुई। मृत महिलाओं में किशोर यादव की पत्नी मंजू देवी (35), सकलदेव पंडित की पत्नी शोभा देवी (20) व अजीत यादव की पत्नी रीना देवी (19) शामिल हैं।
रबिता मंजू देवी की पुत्री है। उसके अनुसार नशे में धुत दो लोगों ने पकड़ो-पकड़ो कहते हुए महिलाओं को दौड़ा लिया था। डरकर सभी ने नहर में छलांग लगा दी। रबिता तैरना जानती थी, इसलिए बाहर निकल आई। रबिता ने ही गांव पहुंच लोगों को इसकी सूचना दी। पुलिस ने नवल किशोर यादव के बयान पर यूडी केस दर्ज किया है।
बांका के एसपी पुष्कर आनंद के अनुसार यह संभावना ज्यादा है कि एक महिला को डूबने से बचाने के प्रयास में दो अन्य महिलाएं डूबी हों। फिलहाल ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह प्रतीत होता हो कि महिलाओं ने आबरू बचाने के लिए जान दे दी है।
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