शनिवार, मार्च 29, 2014

मुसीबत के वक्‍त मोदी को याद आए अटल बिहारी

मोदी के लिए अटल फिर हुए जरूरी


नरेंद्र मोदी जानते हैं कि लोकसभा चुनावों में अगर जीत तक पहुंचना है, तो केवल हिंदुत्व के एजेंडे से बात नहीं बनेगी। यही वजह है कि गुजरात के विकास मॉडल का प्रचार वो देश में इस तरह कर रहे हैं जैसे कोई जादूगर हों।

लेकिन विकास की कहानी सुनाने से सब कुछ नहीं होता। छवि भी कोई चीज है। लेकिन भाजपा में अगर किसी नेता का नाम अब भी चलता है, तो वो हैं अटल बिहारी वाजपेयी। चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में मोदी ने भी उनके नाम को भुनाना शुरू कर दिया है। अब तक ऐसा नहीं दिख रहा था, लेकिन अब अटल मोदी के लिए भी जरूरी हो गए हैं।

जम्मू से हुई शुरुआत

हाल में जम्मू रैली में नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिया। उन्होंने बताया कि कश्मीर समस्या के लिए उन्होंने कितना प्रयास किया था। देश भर में भाजपा का चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है, लेकिन पार्टी के बैनर-होर्डिंग से वरिष्ठ नेताओं की तस्वीरें गायब हैं। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी अब भी उसी पोस्टर पर मौजूद हैं, जिसमें मोदी दिख रहे हैं।

यह विरासत का मामला है। भाजपा अटल की विरासत को साथ रखना चाहती है, क्योंकि इसी उदारवादी चेहरे ने भाजपा को किसी वक्‍त बुल‌ंदियों पर पहुंचाया था। जब भाजपा ने सरकार बनाई थी, तो अटल की ‌छवि आडवाणी जैसे फायरब्रांड नेताओं से पूरी तरह अलग थी।

अटल की तस्वीर से फायदा उठाने की कोशिश

भाजपा जल्द ही लखनऊ और उत्तर प्रदेश के दूसरे हिस्सों में नए बैनर लगाने की तैयारी कर रही है। वाजपेयी इसी सूबे से हैं। पोस्टरों में अटल, मोदी से कुछ बड़े नजर आ रहे हैं, जिससे यह संदेश जा सके कि मोदी उनकी विरासत संभाल रहे हैं। इसके अलावा विकास का बैंड इन पोस्टरों में भी बजता दिख रहा है।

एक बैनर में लिखा है, "फिर तेज हो विकास की रफ्तार, अबकी बार मोदी सरकार।" इसके अलावा मोदी उत्तर प्रदेश की बनारस सीट से लड़ रहे हैं, ऐसे में साथ में अटल की तस्वीर से फायदा हो सकता है।

पूरे देश में लगाए जाएंगे नए बैनर

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "उत्तर प्रदेश में लॉन्च के बाद हम देश भर में ये पोस्टर लगाने की योजना बना रहे हैं। हमारी पार्टी की तरह उत्तर प्रदेश भी वाजपेयी को महान नेता के रूप में देखता है।"

कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि वाजपेयी की विरासत को ध्यान में रखकार लॉन्च किए गए ये बैनल चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं। मोदी ने जम्मू में कहा था, "वाजपेयी ने मानवता, लोकतंत्र और कश्मीरियत की जो राह दिखाई, हम उसी पर आगे बढ़ेंगे।" हालांकि, राजनीतिक विरोधी हमला बोल रहे हैं कि मोदी की तरह वाजपेयी ने कभी अपने लिए वोट नहीं मांगे।

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