मेरठ। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर कश्मीरी छात्रों ने दिल्ली से कश्मीर तक की राजनीति में तूफान मचा दिया। बैकफुट पर आई उत्तर प्रदेश सरकार ने चौबीस घंटे बाद देशद्रोह का मुकदमा भले ही वापस ले लिया हो, इसके बावजूद भी विवि प्रशासन का कहना है कि छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं। वीसी के पास लगातार छात्रों के अभिभावकों की कॉल आ रही है, जो पूरे प्रकरण पर शर्मिदा करते हुए माफी मांग रहे हैं। हालांकि विवि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि, जांच पूरी होने से पहले छात्रों के प्रवेश पर पाबंदी है।
स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी में भारत-पाक मैच में पाक के जीत हासिल करने पर कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा हॉस्टल में तोड़फोड़ की थी, विवि प्रशासन ने 66 छात्रों को निलंबित कर कॉलेज परिसर से बाहर कर दिया था। बाद में पुलिस ने भी रिपोर्ट दर्ज की थी, इसके चौबीस घंटे बाद राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद देशद्रोह की धारा को हटाकर मुकदमें को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के जम्मू कश्मीर की टीम ने मेरठ पहुंचकर पड़ताल की, छात्रों को दोबारा से प्रवेश पर भी विवि प्रशासन पर दबाव बनाया गया। विवि के वीसी मंजूर अहमद ने बताया कि, छात्रों के अभिभावकों की लगातार कॉल आ रही हैं, जो छात्रों की ओर से माफी मांग रहे हैं। उन्हें शपथ पत्र देकर माफी मांगने की बात कही गई, वह भी तब, जब विवि प्रशासन जांच पूरा कर लेगा।
वीसी ने बताया कि, अभी तक की जांच में प्रोफेसर बंसल ने बताया कि, वह उस समय एमएलडी हॉस्टल में मैच देख रहे थे, उन्होंने बताया कि, छात्रों ने अफरीदी के छक्का लगाने के बाद पाक जिंदाबाद के नारे लगा दिए।
चुनाव आयोग की गाज से चितिंत:
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने चुनाव आयोग को सुभारती यूनिवर्सिटी में हुए बवाल की रिपोर्ट तो भेज दी है, पर चुनाव आयोग की गाज को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अफसर चिंतित हैं। उन्होंने रिपोर्ट में भी शांति कायम रहने का जिक्र किया है। बताया गया कि, छात्रों ने देश विरोधी कोई गतिविधि नहीं की है। आइजी आलोक शर्मा का कहना है कि कश्मीरी छात्रों के विवाद में पुलिस मुकदमे की जांच कर रही है। जांच में आरोप पुष्ट होने के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। वहीं विवि प्रशासन से भी पूरे मामले पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
पुलिस नहीं जनता ने जुटाए सुबूत:
कश्मीरी छात्रों के बवाल पर भले ही पुलिस ने राष्ट्रद्रोह की धारा हटा दी है। तर्क दिया गया है कि साक्ष्य के अभाव में धारा हटाई है। पुलिस की दलील को जनता ने उस समय झूठ साबित कर दिया, जब इस पूरे प्रकरण की वीडियो फुटेज तक दिखा डाली। कॉलेज के एक चश्मदीद ने बतौर गवाह बनकर पूरे मामले से अवगत भी कराया है, उन्होंने यह सबूत पुलिस को देने के लिए बजाए, सरकार से किसी अन्य एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित आवास पर प्रेस कांफ्रेंस में सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती में भारत-पाक मैच के दौरान कश्मीरी छात्रों ने बड़ा राजद्रोह किया है। उनके इस कृत्य को सरकार ने छिपाने की कोशिश की। संदीप पहल ने कहा कि कश्मीरी छात्रों के राष्ट्रद्रोह में पुलिस भी बराबर की जिम्मेदार है। विवि प्रशासन ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी, आरोपियों पर कार्रवाई के बजाए पुलिस उन्हें खुद सुरक्षा में लेकर दिल्ली तक छोड़कर आई है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की वीडियो सीडी भी अपने पास होने का दावा किया है। बताया गया कि, विवि का एक छात्र पूरे घटनाक्रम का चश्मदीद है, इस पूरे प्रकरण को साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं, इसलिए इस मुद्दे को दबने नहीं देंगे।
हर पटल पर लापरवाही:
संदीप पहल ने बताया कि कश्मीरी छात्रों के प्रकरण में हर पटल पर लापरवाही हुई है। पुलिस और विवि प्रशासन दोनों ही दोषी है। उन्होंने दावा किया कि, मेरठ में जिस प्रकार से कश्मीरी छात्र बड़ी संख्या में शिक्षा ग्रहण कर रहे है, उनमें से काफी ऐसे भी हैं, जो यहां की गतिविधियों को पाक को अवगत करा रहे हैं। इसलिए इसे पूरे प्रकरण की विस्तृत से जांच जांच कराई जाए।
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