शनिवार, मार्च 29, 2014

रेलवे में खत्म होगा 'बाबूराज', 40 फीसद रेलकर्मी जाकरूक नहीं

मुरादाबाद। बगैर 'दक्षिणा' के मामूली काम के निपटारे को चप्पल घिसने की मजबूरी से जल्द ही रेलकर्मियों को निजात मिल जाएगी। ईजीआरएस के जरिए सभी शिकायतों के आनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद अब चार्टर प्लान लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। तय समय में शिकायत निस्तारण की बाध्यता से 'बाबूराज' का खात्मा तय माना जा रहा है।
उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल में 15 फरवरी को कर्मचारियों की शिकायतों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व निस्तारण को ईजीआरएस (इलेक्ट्रानिक ग्रेवांस रिड्रेसल सिस्टम) लागू किया गया। इसके तहत मुख्यालय आने वाले कर्मियों की शिकायत प्राप्त करने को 'एकल खिड़की' बनाई गई। यहां मौजूद कर्मचारी शिकायत को कंप्यूटर पर लोड कर उसे एक निश्चित नंबर देता है। इसके तहत कर्मचारी कहीं से भी ई-मेल द्वारा शिकायत रजिस्टर करा सकता है। इस सिस्टम पर अब तक लगभग दो हजार शिकायतें मिलीं, जिनमें लगभग साठ फीसद शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। अब इन शिकायतों को समयबद्ध तरीके से निपटाने को चार्टर प्लान लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत शिकायत रजिस्टर्ड होते ही उसके निस्तारण को एक निश्चित समय दिया जाएगा। बगैर उचित कारण के तय समय में शिकायत दूर न होने पर संबंधित कर्मियों व अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीनियर डीपीओ जेपी पांडेय ने बताया कि जुलाई तक चार्टर प्लान लागू करने की कोशिश की जा रही है।
झांसी मंडल भी ले गया तकनीक
रेलवे का झांसी मंडल भी ईजीआरएस लागू करने को मुरादाबाद मंडल से साफ्टवेयर ले गया है। इस सिस्टम को सबसे पहले वर्ष 2011 में फिरोजपुर मंडल में तैनाती के दौरान सीनियर डीपीओ जेपी पांडेय ने लागू किया था। इसके लिए रेलमंत्री उन्हें पुरस्कृत भी कर चुके हैं। रेलकर्मियों द्वारा यह सिस्टम इतना सराहा गया कि इसे नार्दर्न रेलवे के पांचों मंडलों समेत बीकानेर, नांदेड, आसनसोल, सोनपुर आदि मंडलों ने भी लागू किया जा चुका है।
40 फीसद रेलकर्मी जाकरूक नहीं रेलवे में अभी भी 40 फीसद रेलकर्मी जागरूक नहीं हैं। इन्हें अपने वेतन व अन्य फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। समस्या निस्तारण को इन्हें महीनों दौड़ाया जाता है। वसूली के बाद ही उनकी समस्याओं का निदान हो पाता है। अब ऐसे कर्मचारी जानकारों के जरिए अपनी व्यथा ईजीआरएस पर लोड करा रहे हैं।

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