टीवी पत्रकारिता का तेज-तर्रार पत्रकार
सीट: चांदनी चौक
प्रत्याशी: आशुतोष
टीवी पत्रकारिता के तेज तर्रार पत्रकार रहे आशुतोष को आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के कविल सब्बिल के खिलाफ मैदान में उतारा है। पत्रकारिता में जाना पहचाना यह चेहरा कुछ समय पहले ही पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आया है। आशुतोष अन्ना के आंदोलन से जुड़े हुए थे, लेकिन खुलकर कभी सामने नहीं आए। वह आंदोलन पर किताब भी लिख चुके हैं। हालांकि आशुतोष की उम्मीदवारी को लेकर आप में विरोध के सुर भी उठे लेकिन पार्टी आलाकमान ने सभी को नजरअंदाज करके आशुतोष्ा को ही मैदान में उतारा।
प्रत्याशी: आशुतोष
टीवी पत्रकारिता के तेज तर्रार पत्रकार रहे आशुतोष को आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के कविल सब्बिल के खिलाफ मैदान में उतारा है। पत्रकारिता में जाना पहचाना यह चेहरा कुछ समय पहले ही पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आया है। आशुतोष अन्ना के आंदोलन से जुड़े हुए थे, लेकिन खुलकर कभी सामने नहीं आए। वह आंदोलन पर किताब भी लिख चुके हैं। हालांकि आशुतोष की उम्मीदवारी को लेकर आप में विरोध के सुर भी उठे लेकिन पार्टी आलाकमान ने सभी को नजरअंदाज करके आशुतोष्ा को ही मैदान में उतारा।
स्टिंग में माहिर है ये खोजी पत्रकार
सीट: नई दिल्ली
प्रत्याशी: आशीष खेतान
आशीष खेतान भी पूर्व पत्रकार हैं और खोजी पत्रकारिता में माहिर अपनी खोजी स्टोरियों की वजह से वह चर्चा में आए। सबसे ज्यादा चर्चा में वह तब रहे जब उन्होंने अमित शाह व उनके साहेब को लेकर एक स्टोरी ब्रेक की। आशीष गुलेल डॉट कॉम के संस्थापक भी हैं। इसके साथ ही बीते दिनों चर्चा में रहे टेप कांड में भी उनका नाम आया था।
प्रत्याशी: आशीष खेतान
आशीष खेतान भी पूर्व पत्रकार हैं और खोजी पत्रकारिता में माहिर अपनी खोजी स्टोरियों की वजह से वह चर्चा में आए। सबसे ज्यादा चर्चा में वह तब रहे जब उन्होंने अमित शाह व उनके साहेब को लेकर एक स्टोरी ब्रेक की। आशीष गुलेल डॉट कॉम के संस्थापक भी हैं। इसके साथ ही बीते दिनों चर्चा में रहे टेप कांड में भी उनका नाम आया था।
ये हैं महात्मा गांधी के पोते
सीट: पूर्वी दिल्ली
प्रत्याशी: राजमोहन गांधी
राजमोहन गांधी महात्मा गांधी के पौत्र हैं। आम आदमी पार्टी ने उन्हें संदीप दीक्षित के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। ये प्रोफेसर रह चुके हैं। राजमोहन ने इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी। उन्होंने हिम्मत नाम से वीकली पत्रिका भी निकाली। 78 साल के राजमोहन गांधी, महात्मा गांधी के सबसे छोटे बेटे, देवदास गांधी के सबसे बड़े बेटे हैं।
प्रत्याशी: राजमोहन गांधी
राजमोहन गांधी महात्मा गांधी के पौत्र हैं। आम आदमी पार्टी ने उन्हें संदीप दीक्षित के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। ये प्रोफेसर रह चुके हैं। राजमोहन ने इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी। उन्होंने हिम्मत नाम से वीकली पत्रिका भी निकाली। 78 साल के राजमोहन गांधी, महात्मा गांधी के सबसे छोटे बेटे, देवदास गांधी के सबसे बड़े बेटे हैं।
क्लासरूम के बजाए अब संसद जाने की तैयारी
सीट: उत्तरी पूर्वी दिल्ली
प्रत्याशी: प्रो. आनंद कुमार
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आनंद कुमार की शिक्षा विदेश में हुई है। वह सामाजिक विज्ञान पढ़ाते थे। वह इस पर समसामयिक मुद्दों पर कॉलम भी लिखते हैं। सामाजिक मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करने वाले प्रो. आनंद कुमार अब चुनावी मैदान में हैं। यही नहीं वह आप के प्रत्याशियों के चयन में भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। वह आप के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। फिलहाल इस सीट से कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल सांसद हैं।
प्रत्याशी: प्रो. आनंद कुमार
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आनंद कुमार की शिक्षा विदेश में हुई है। वह सामाजिक विज्ञान पढ़ाते थे। वह इस पर समसामयिक मुद्दों पर कॉलम भी लिखते हैं। सामाजिक मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करने वाले प्रो. आनंद कुमार अब चुनावी मैदान में हैं। यही नहीं वह आप के प्रत्याशियों के चयन में भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। वह आप के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। फिलहाल इस सीट से कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल सांसद हैं।
विधानसभा हारे अब लोकसभा की तैयारी
रत्याशी: कर्नल देवेंद्र सहरावत
आर्मी में कर्नल के पद से रिटायर होने के बाद समाज सेवा का काम करते रहे। इस दौरान आंदोलन से जुड़े और फिर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करके दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिजवासन सीट से चुनाव लड़े। उस चुनाव में वे दूसरे स्थान पर रहे थे।
चिदंबरम पर जूता फेंक हुए हिट
सीट: पश्चिमी दिल्ली
प्रत्याशी: जरनैल सिंह
अप्रैल 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम पर 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेताओं को क्लीन चिट देने संबंधी बयान से नाराज होकर जूता फेंकने वाले पत्रकार जरनैल सिंह को आप ने टिकट दिया है। आप की 16 फरवरी को जारी पहली सूची में ही नरनैल सिंह का नाम था। चिदंबरम पर जूता फेंकने के बाद वे पत्रकारिता से छोड़कर समाज सेवा में लग गए। उस समय भी चुनाव लड़ने का ऑफर मिला लेकिन तब राजनीति से दूरी बनाए रखी।
प्रत्याशी: जरनैल सिंह
अप्रैल 2009 में तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम पर 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेताओं को क्लीन चिट देने संबंधी बयान से नाराज होकर जूता फेंकने वाले पत्रकार जरनैल सिंह को आप ने टिकट दिया है। आप की 16 फरवरी को जारी पहली सूची में ही नरनैल सिंह का नाम था। चिदंबरम पर जूता फेंकने के बाद वे पत्रकारिता से छोड़कर समाज सेवा में लग गए। उस समय भी चुनाव लड़ने का ऑफर मिला लेकिन तब राजनीति से दूरी बनाए रखी।
राखी बिड़लान की जगह इनको मिला टिकट
सीट: उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली
प्रत्याशी: महेंद्र सिंह
अन्ना आंदोलन से जुड़े महेंद्र सिंह का मुख्य काम समाज सेवा है। वह महिलाओं और बच्चों के लिए काम करते हैं। गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह जैसे आयोजन वह करते रहते हैं। पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उत्तरी पश्चिमी संसदीय सीट से टिकट दिया है। इस सीट पर पहले राखी बिड़लान को टिकट देने की चर्चा थी जिसे लेकर पार्टी में काफी बवाल हुआ था।
प्रत्याशी: महेंद्र सिंह
अन्ना आंदोलन से जुड़े महेंद्र सिंह का मुख्य काम समाज सेवा है। वह महिलाओं और बच्चों के लिए काम करते हैं। गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह जैसे आयोजन वह करते रहते हैं। पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उत्तरी पश्चिमी संसदीय सीट से टिकट दिया है। इस सीट पर पहले राखी बिड़लान को टिकट देने की चर्चा थी जिसे लेकर पार्टी में काफी बवाल हुआ था।
हॉट सीट का साइलेंट सूरमा
सीट: गौतमबुद्ध नगर
प्रत्याशीः केपी सिंह
आम आदमी पार्टी ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से केपी सिंह को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की है। केपी सिंह की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, लेकिन अन्ना के अनशन से लेकर आम आदमी पार्टी के तमाम आंदोलनों से वे जुड़े रहे हैं। वह फिलहाल फोनरवा (फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन) के उपाध्यक्ष हैं। टिकट के लिए दावा करने वाले 100 से ज्यादा उम्मीदवारों में बेचैनी का आलम था, लेकिन जब प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी की गई तो केपी सिंह के नाम ने सबको चौंका दिया।
प्रत्याशीः केपी सिंह
आम आदमी पार्टी ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से केपी सिंह को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की है। केपी सिंह की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, लेकिन अन्ना के अनशन से लेकर आम आदमी पार्टी के तमाम आंदोलनों से वे जुड़े रहे हैं। वह फिलहाल फोनरवा (फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन) के उपाध्यक्ष हैं। टिकट के लिए दावा करने वाले 100 से ज्यादा उम्मीदवारों में बेचैनी का आलम था, लेकिन जब प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी की गई तो केपी सिंह के नाम ने सबको चौंका दिया।
आप ने अपने चाणक्य को उतारा
सीट: गुड़गांव
प्रत्याशीः योगेंद्र यादव
गुड़गांव लोकसभा सीट से आप ने अपने थिंक टैंक और चाणक्य योगेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। योगेंद्र यादव गुड़गांव लोकसभा के रेवाड़ी के रहने वाले हैं। जेएनयू से पॉलिटिकल साइंस में एमए करने वाले योगेंद्र यादव लोकनीति के डायरेक्टर रह चुके हैं और सीएसडीएस दिल्ली के फेलो रिसर्च एसोसिएट और लेक्चरर पद पर भी रहे। योगेंद्र राइट टू एजुकेशन के राष्ट्रीय सलाहकार भी रह चुके हैं।
प्रत्याशीः योगेंद्र यादव
गुड़गांव लोकसभा सीट से आप ने अपने थिंक टैंक और चाणक्य योगेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। योगेंद्र यादव गुड़गांव लोकसभा के रेवाड़ी के रहने वाले हैं। जेएनयू से पॉलिटिकल साइंस में एमए करने वाले योगेंद्र यादव लोकनीति के डायरेक्टर रह चुके हैं और सीएसडीएस दिल्ली के फेलो रिसर्च एसोसिएट और लेक्चरर पद पर भी रहे। योगेंद्र राइट टू एजुकेशन के राष्ट्रीय सलाहकार भी रह चुके हैं।
आप की सोशल इंजीनियरिंग में फिट हुए मैकेनिकल
सीटः फरीदाबाद
प्रत्याशी: पुरुषोत्तम डागर
फरीदाबाद में लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी ने पुरुषोत्तम डागर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। डागर ने अन्ना आंदोलन में फरीदाबाद की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अरविंद केजरीवाल के पार्टी बनाते ही आप से जुड़ गए।
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर डागर प्रिंटिंग मशीन के पार्ट्स बनाने के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1999-2002 में उन्होंने दिल्ली के गुरु तेगबहादुर कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में डागर को अरविंद केजरीवाल की विधानसभा में जोनल हेड की जिम्मेदारी दी गई थी। इसे उन्होंने बखूबी निभाया।
प्रत्याशी: पुरुषोत्तम डागर
फरीदाबाद में लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी ने पुरुषोत्तम डागर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। डागर ने अन्ना आंदोलन में फरीदाबाद की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अरविंद केजरीवाल के पार्टी बनाते ही आप से जुड़ गए।
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर डागर प्रिंटिंग मशीन के पार्ट्स बनाने के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1999-2002 में उन्होंने दिल्ली के गुरु तेगबहादुर कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में डागर को अरविंद केजरीवाल की विधानसभा में जोनल हेड की जिम्मेदारी दी गई थी। इसे उन्होंने बखूबी निभाया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें