सोमवार, फ़रवरी 24, 2014

मेरठ में तेंदुए का टेरर, जानिए.. मिनट दर मिनट क्या हुआ?

मेरठ। आदमखोर तेंदुए को पकड़ना मेरठ प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। एक बार पकड़ में आने के बाद भी तेंदुआ पुलिसकर्मियों पर हमला कर भागने में सफल रहा। रविवार को पूरे दिन मेरठ में पुलिसकर्मी और वनकर्मी तेंदुए के पीछे भागते रहे लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। लिहाजा तेंदुआ करीब दर्जन भर लोगों को घायल कर अब भी पुलिसकर्मियों और वनकर्मियों की आंखों में धूल झोंक रहा है। इसकी दहशत में सोमवार को स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिए गए हैं।
कल पांच राउंड फायर करने के बाद भी तेंदुए का बाल बांका नहीं हुआ। इसकी तलाश में सात सर्च टीम लगाई गई हैं। कल लगभग पूरी रात प्रशासन माइक के जरिए लोगों को अपने घरों में ही रहने की हिदायत देता नजर आया। पहले मेरठ कैंट, फिर आबूलेन, फिर सदर बाजार, फिर आर्य समाज मंदिर पर तेंदुए की लोकेशन का पता चलता रहा और पुलिस के साथ-साथ वनकर्मी भी उसकी तलाश में भटकते रहे। रविवार की पूरी रात और सोमवार सुबह तक तेंदुए की तलाश जोर-शोर से जारी है।
मिनट दर मिनट: अब तक क्या हुआ
11:30 पर आरा मशीन के मालिक गौरव ने तेंदुए को देखा।
11.35 गौरव ने 100 नंबर पर कॉल किया।
11.50 पर पुलिस आरा मशीन पर पहुंची।
12.10 पर एसीएम रामभरत तिवारी पहुंचे।
1.40 पर वन विभाग का एक एसडीएओ व दो दरोगा पहुंचे।
1.45 पर दिल्ली की डब्लूटीआइ को सूचित किया गया।
1.52 पर तेंदुआ टॉल से निकला और पहला हमला किया।
2.02 पर कैंट अस्पताल के जनरल वार्ड में घुसा।
2.05 पर अस्पताल से सभी कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया।
2.19 पर हो-हल्ला मचने पर तेंदुए ने कैंट अस्पताल के जनरल वार्ड का जंगला तोड़ने का तीन बार प्रयास किया। यहां दो व्यक्ति को घायल कर दिया।
2.20 पर फिर से वार्ड में घुस गया।
2.31 पर एडीएम सिटी व एसपी सिटी टीम संग पहुंचे।
2.35 पर कैंट बोर्ड के सीईओ डीएन यादव पहुंचे।
2.45 पर मुख्य वन संरक्षक मौके पर पहुंचे।
3.05 एसएसपी कैंट अस्पताल पहुंचे।
3.29 वन विभाग की चाली टीम पहुंची और टूटी खिड़की पर अवरोधक लगाने की तैयारी की गई।
3.50 पर अवरोधक लगाने का काम पूरा हो गया।
3.32 पर फॉरेस्ट गार्ड चिंतामणि पहुंचे।
4.20 पर पता चला कि जिस कमरे में तेंदुआ घुसा था वह वार्ड में घूमने लगा।
4.45 पर एडम कमांडेंट मौके पर पहुंचे।
5.11 पर फौज की सीएमवीएल के कमांडेंट कर्नल सीपी चूड़ामणि पहुंचे और कार्रवाई की इच्छा जाहिर कि लेकिन वन विभाग ने हस्तक्षेप से मना किया।
5.40 फौज की क्यूआरटी की तीन टीमें आयीं और अस्पताल को कब्जे में लिया।
5.45 पर डीएफओ सुशांत शर्मा पहुंचे।
5.55 पर फौज ने परिसर खाली कराया।
7.00 बजे सीईओ अपनी टीम संग वापस चले गए।
8.45 पर डब्लूटीआई की टीम डा. अरविंद के नेतृत्व में पहुंची।
9.10 पर कार्रवाई शुरू की गई।
9.20 बजे डीएम मौके पर पहुंचे। 11.00 ट्रैंक्युलाइजेशन मशीन से फायर किया गया।
रात 12 बजे तेंदुआ दीवार तोड़कर बाहर निकला और सदर इंस्पेक्टर को घायल कर दिया।
12.05 बजे आबूलेन की ओर भागते देखा गया।
12.05 सेना छावनी में वापस लौटी।
12.20 शहर भर में एनाउंसमेंट कराया गया और लोगों से बाहर न निकलने की अपील की गई।
1.15 बजे इलाके में सन्नाटा पसर गया।
रात 1:50 पर निशांत सिनेमा के पीछे लोकेशन मिली।
अफसरों को आया पसीना
तेंदुए के शहर में घुसने के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को पसीना आ गया। उन्होंने तेंदुआ को 12 फुट ऊंची छलांग लगाते देखा तो उनकी सांसे थम गईं। घंटों रही इस अफरातफरी की गूंज लखनऊ तक जा पहुंची। प्रमुख सचिव गृह अतुल कुमार गुप्ता व सचिव अमृत अभिजात के आदेश पर भारी पुलिस बल कैंट अस्तपाल की ओर रवाना कर दिया गया। सांय चार बजे शासन की ओर से केंद्रीय गृह विभाग को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद सेना ने मोर्चा संभाला।
कैंट अस्पताल में स्थिति अनियंत्रित हो रही थी। ऐसे में हमें बुलाया गया तो हम क्यूआरटी के साथ पहुंचे। अब तेंदुआ रात में दीवार तोड़कर वह नागरिक क्षेत्र में पहुंच गया है और उसकी लोकेशन का भी पता नहीं है। प्रशासन अगर अपील करता है तो हम फिर कार्रवाई के लिए पहुंचेंगे। फौज को तेंदुए को पकड़ने या मारने की मंजूरी हमें नहीं दी गई थी। हमने वन विभाग से ट्रैंकुलाइजेशन गन भी मांगी थी, लेकिन हमें नहीं दी गई।
-कर्नल आरके शर्मा, एडम कमांडेंटमौके पर पहुंचे एसएसपी।

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