मंगलवार, जनवरी 07, 2014

शामली कैंप पर पुलिस की रेड, लश्कर आतंकियों की तलाश!


नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की वो बात सच साबित होती नजर आ रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ित युवकों के संपर्क में है। लश्कर-ए-तैयबा के लोकल मॉड्यूल से जुड़े लोगों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस खुलासे के साथ ही पुलिस ने छापेमारी भी शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस की एक टीम ने मुजफ्फरनगर के शामली में राहत शिविर पर छापा मारा है। पुलिस ने मुजफ्फरनगर में भी छापेमारी की है।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े लोगों से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक लश्कर की नजर मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ित युवकों पर थी। इन लोगों ने कुछ दंगा पीड़ित युवकों को लश्कर में शामिल करने के लिए उनसे संपर्क किया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक लश्कर की बातों में आकर दंगा पीड़ित दो लड़के संगठन से जुड़ने के लिए तैयार भी हो गए थे। सूत्र बताते हैं कि स्पेशल सेल ने इन दोनों लड़कों को ढूंढ लिया है। लेकिन पुलिस ने अभी इन्हें गिरफ्तार नहीं किया है, क्योंकि वो दोनों को गवाह बनाकर कोर्ट में पेश करना चाहती है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल ने पिछले महीने मेवात इलाके से दो लोगों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला था कि कुछ आतंकी संगठन मतदान के दिन 4 दिसंबर को दिल्ली में हमला कर सकते हैं। इसी खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने मेवात इलाके में छापा मारा। लेकिन आतंकी पुलिस की गिरफ्त में आने से पहले ही वे वहां से फरार होने में कामयाब रहे।
बता दें कि राहुल गांधी ने अक्टूबर में एक रैली में दावा किया था कि आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों को बरगलाने की कोशिश में है। उनके इस बयान पर तब खूब राजनीतिक घमासान मचा था। बीजेपी और सपा ने उन पर खूब हमला बोलकर मुस्लिम युवकों को बदमान करने का आरोप लगाया था।
दिल्ली पुलिस के इस खुलासे पर बीजेपी ने चिंता जाहिर की करते हुए इस मसले यूपी सरकार और गृह मंत्री से जवाब मांगा है। बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान की मदद से आंतकवादी संगठनों का जाल देश भर में फैला है। ये हमारी आंतरिक सुरक्षा पर चूक है। हम गृहमंत्री से इस पर जबाव चाहेगें, इस पर उत्तरप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के मुताबिक इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि इस मामले पर राजनीति से प्रेरित बयान नहीं होना चाहिए। अगर वहां पर अपराधी है तो दिल्ली पुलिस कारवाई करें, लेकिन उसे राजनीतिक रूप न दे। अगर दिल्ली पुलिस हमें सूचना दे तो हम जांच कराएगें।
राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि दिल्ली पुलिस पर मुझे कोई यकीन नहीं है क्योंकि इनकी क्रेडिबिटी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो ये गलत है। अगर ऐसा हुआ है तो ऐसे मामलों की जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए।
जेडीयू ने इस मामले को संवेदनशील बताया है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है। अब यह जानना जरूरी है कि कौन से चीज युवाओं को आंतकवाद की ओर प्रेरित कर ही है। पटना ब्लास्ट में पकड़े गए लोग बहुत युवा थे। ये बहुत खतरनाक घटना है। पूर्व कई घटनाओं के आरोपियों को अभी तक दंड नहीं मिला है। जबकि निर्दोष युवा कई मामलों में जेल में हैं। ये सब आंतकवाद के रिक्रूटमेंट में मददगार साबित होते हैं।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक इससे ये साबित हो गया कि राहुल ने जो कहा था सही कहा था।

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