
ऑल इंडिया किसान सेवा संघ के डॉ. राज कुमार चौधरी ने अदालत में अपील दायर कर इन आरोपों की जांच करवाने की मांग की थी। इससे पहले आसाराम के सहयोगी रहे आचार्य भोलानंद ने एक टीवी चैनल पर यह दावा किया था, 'जम्मू आश्रम में मेरे रहने के दौरान तीन बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उन बच्चों को वहीं दफना दिया गया था।'
आसाराम के साथ सात साल तक काम करने वाले भोलानंद ने यह भी दावा किया था कि वह आश्रम में उस जगह की निशानदेही कर सकते हैं, जहां बच्चों को दफनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जम्मू बुलाया जाए और आसाराम के समर्थकों से सुरक्षा प्रदान की जाए तो वह आसाराम और उनके अनुयायियों द्वारा किए गए तमाम अत्याचारों का खुलासा कर सकते हैं।
भोलानंद के इन दावों को आधार बनाते हुए राज कुमार चौधरी ने अपनी अपील में कहा कि आसाराम पर लगे यह आरोप काफी संगीन हैं। लिहाजा, इनकी जांच की जानी चाहिए। कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद एसएचओ नवाबाद को मामले की जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। जम्मू पुलिस का दावा है कि वह जल्द ही इस मामले में पूछताछ करेगी और जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज करेगी।
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