GAZALA KHAN |
अब इंसान नई जिंदगी देने में भी सक्षम हो सकेगा। ऐसा ही कुछ दावा किया है अमेरिकी वैज्ञानिकों ने। वैज्ञानिकों ने कृत्रिम जीवन बनाने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल करने की बात कही है। उन्होंने सिंथेटिक जीनोम के सहारे एक जीवित कोशिका बनाई है। इस जीवित कोशिका को अलग अलग रसायनोंसे बनाया गया है। अनुसंधान के प्रमुख वैज्ञानिक क्रैगवेंटरका कहना है कि यह दुनिया का पहली कृत्रिम सिंथेटिक कोशिका है। हम इसे सिंथेटिक इसलिएकह रहे हैं क्योंकि कोशिका सिंथेटिक क्रोमोसोम से बनाई गई है। लैब में चार रसायनों की बोतलों के जरिए इसे तैयार किया गया, इस प्रयोग में कंप्यूटर की मदद ली गई। टीम ने पहले बैक्टीरियलजी नोम तैयार किया और उसे एक बैक्टीरिया से दूसरे में सफलतापूर्वक भेजा। वैज्ञानिकों का दावा है कि अब वह जीवित सिंथेटिक कोशिका तैयार कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के हवाले से साइंस पत्रिका ने कहा है कि इस प्रयोग की सफलता से पर्यावरण की सफाई करने में भी मदद मिलेगी। बायोफ्यूल भी उपलब्ध हो सकेगा। रसायनों से बनी कृत्रिम कोशिका प्रयोग के बाद ऐसा शैवाल तैयार करने की योजना है, जो कार्बन डाईऑक्साइड को सोखेगा और नए हाइड्रोकार्बन बनाएगा। वेंटर के मुताबिक इस प्रयोग के बाद मेरा नजरिया जीवन और उसके काम करने के तरीके को लेकर बिल्कुल बदल गया है। वैसे जीवन के लिहाज से देखें तो माना जाता है कि सबसे पहले बैक्टीरिया और कोशिकाओं की उत्पत्ति हुई। इसके बाद करोड़ों वर्षों तक इनमें विकास और बदलाव होता गया और फिर जीव जंतुओं की रचना हुई। अमेरिकी वैज्ञानिकों का यह प्रयोग जीवन के जन्म से जुड़े कई अन्य रहस्य भी खोल सकता है। लेकिन वेंटर और उनकी टीम के इस प्रयोग से कई लोग नाखुश भी है। आलोचकों का कहना है कि सिंथेटिक बैक्टीरिया का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें