MOHD SALEEM |
हमने अक्सर खुद के सोने और जागने का एक निश्चित समय अपने शरीर के अन्दर पाया होगा। आपने देखा होगा कि आप को एक निश्चित समय में रात में झपकी आने लगती है और सुबह भी ठीक समय नींद अपनेआप खुल जाती है। यह कैसे होता है?
इस प्रश्न का जवाब अब मिल गया है। हमारे शरीर के अन्दर एक घड़ी रूपी अलार्म होता है, जो एक जीन द्वारा नियंत्रित होता है, यह जीन इस घड़ी के अलार्म को रोज बजाती है, जिससे हमारे सोने और जागने की प्रक्रिया नियंत्रित होती है। बुढापे, कैंसर एवं पुरानी बीमारियों में इस जीन का घड़ी पर नियंत्रण गड़बड़ हो जाता है और व्यक्ति की सोने और जागने की प्रक्रिया भी बाधित हो जाती हैं। वैसे भी हमारा शरीर घड़ियों का एक समूह है। डॉ. सच्चिदान्द पांडा एसोसियेट प्रोफेसर साल्क्स रेगुलेटरी बायोलोजिकल लेबोरेटरी द्वारा किये गए शोध अध्ययन के अनुसार इस बात का पता लगा लिया गया है कि ये घड़ी किस प्रकार शरीर के एलार्म को रात में निष्क्रिय बनाकर नींद लाती है और सुबह अलार्म को सक्रिय कर नींद से जगा डालती है। साइंस पत्रिका में प्रकाशित एस शोध के निष्कर्ष के अनुसार जीन ज्ञक्ड5।, श्र।त्प्क्1ं नामक एक प्रोटीन का संश्लेषण करता है जो इस जैविक घड़ी के बायोकेमिकल सर्किट को सक्रिय बना देता है।
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