शनिवार, मई 29, 2010

भारत में बड़ी रेल दुर्घटनाएं


भारत में हर साल औसतन 300 छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएँ होती हैं। भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक हैं. भारतीय ट्रेनों में हर दिन सवा करोड़ से ज्यादा लोग सफर करते हैं।

कुछ बड़ी रेल दुर्घटनाओं पर एक नजर

16 जनवरी, 2010- उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में टुंडला के नजदीक श्रम शक्ति एक्सप्रेस को कालिंदी एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और 14 लोग घायल हो गए।

14 नवंबर, 2009- राजस्थान के जोधपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुई मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे बस्सी के पास पटरी से उतर गए. इस घटना में सात लोग मारे गए और 50 घायल हुए।

01 नवंबर, 2009- गोरखपुर से अयोध्या आ रही पैसेंजर ट्रेन नवाबगंज और टिकरी हाल्ट स्टेशन के बीच चक रसूलपुर गाँव के पास बिना चैकीदार वाली सड़क क्रासिंग पर एक ट्रक से टकरा गई जिसमे 14 लोगों की मृत्यु हो गई और सौ लोग घायल हो गए।

21 अक्तबर, 2009- उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आखिरी बोगी से टकरा गया. इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए।

24 फरवरी, 2009- उड़ीसा में भुवनेश्वर से 300 किलोमीटर दूर धनगेरा रेलवे फाटक पर बारात से लौट रही एक वैन और रेलगाड़ी के बीच हुई टक्कर में नवविवाहित वधू समेत कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई।

14 फरवरी 2009- (रेल बजट के दिन) हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे उड़ीसा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरे. हादसे में 16 की मौत हो गई और 50 घायल।

अगस्त 2008- सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी.इसके कारण 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए।

16 अप्रैल 2007- तमिलनाडु में हुई एक रेल दुर्घटना में कम से कम 11 लोग मारे गए. दुर्घटना थिरुमातपुर के कांचीपुरम गाँव के पास तब हुई जब एक ट्रेन मिनीबस से जा टकराई।

21 अप्रैल 2005 को गुजरात में बड़ोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए।

फरवरी 2005- महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे।

जून,2003- महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए.

2 जुलाई, 2003- आँध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे. इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई।

22 जून, 2003-गोवा और महाराष्ट्र की सीमा पर रत्नागिरी के पास एक विशेष यात्री गाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे. कम से कम 51 यात्रियों की मौत हुई।

15 मई, 2003- पंजाब में लुधियाना के नजदीक फ्रंटियर मेल में आग लगी. कम से कम 38 लोग मारे गए।

9 सितंबर,2002 हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई. इसमें 120 लोग मारे गए।

12 मई, 2002- नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. 12 लोग मारे गए।

22 जून, 2001- मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी. 59 लोग मारे गए. 31 मई, 2001- उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई. 31 लोग मारे गए।

2 दिसंबर, 2000- कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकराई. 44न की मौत और 140 घायल।

3 अगस्त, 1999- दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल मे टकराई. 285 की मौत और 312 घायल।

16 जुलाई, 1999- दिल्ली जा रही ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मथुरा के पास एक मालगाड़ी से टकराई. 17 मार गए और 200 घायल।

26 नवंबर, 1998- फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस से खन्ना, पंजाब में टकराई. 108 की मौत, 120 घायल।

14 सितंबर,1997- अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी. 81 की मौत, 100 घायल।

18 अप्रैल, 1996- एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई. 35 की मौत, 50 घायल हुए।

20 अगस्त, 1995- नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में जा टकराई. 250 की मौत, 250 घायल।

21 दिसंबर,1993- कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई. 71 की मौत और अनेक घायल।

16 अप्रैल, 1990- पटना के निकट रेल में आग लगी. 70 की मौत।

23 फरवरी, 1985 राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी. 50 की मौत और अनेक घायल।

6 जून,1981- बिहार में तूफान के कारण ट्रेन नदी में जा गिरी. 800 की मौत और 1000 से अधिक घायल।

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