शीर्ष अधिकारी को घर भेजा गया
एक महिला से संबंध रखने के आरोप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने पिछले सप्ताह आयोजित बैंगलौर की जनप्रतिनिधि सभा में 52 वर्षीय सह सरकार्यवाह (ज्वाइंट सेक्रेटरी) के सी कन्नन को पद से बर्खास्त कर दिया।
आरएसएस में सह सरकार्यवाह तीसरा सबसे बड़ा पद है। कन्नन को 2012 में चौथा सह सरकार्यवाह बनाया गया था। वह पहले ऐसे व्यक्ति है, जिन्हें इतने उच्च पद से बर्खास्त किया गया है। वह संघ के सर्वोच्च पर के दावेदार के रूप में भी देखे जाते थे।
संघ के प्रचारक को ब्रह्मचारी रहना आवश्यक है। हालांकि, विवाहित प्रचारक सिर्फ निम्न पदों पर ही रह सकते हैं। कन्नन को सह सरकार्यवाह जैसे उच्च पद पर होने के बावजूद गुप्त रूप से एक महिला से संबंध बनाए हुए थे। हालांकि, मामले में उन्होंने कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
आरएसएस में सह सरकार्यवाह तीसरा सबसे बड़ा पद है। कन्नन को 2012 में चौथा सह सरकार्यवाह बनाया गया था। वह पहले ऐसे व्यक्ति है, जिन्हें इतने उच्च पद से बर्खास्त किया गया है। वह संघ के सर्वोच्च पर के दावेदार के रूप में भी देखे जाते थे।
संघ के प्रचारक को ब्रह्मचारी रहना आवश्यक है। हालांकि, विवाहित प्रचारक सिर्फ निम्न पदों पर ही रह सकते हैं। कन्नन को सह सरकार्यवाह जैसे उच्च पद पर होने के बावजूद गुप्त रूप से एक महिला से संबंध बनाए हुए थे। हालांकि, मामले में उन्होंने कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
संघ ने सेहत को बताया वजह
संघ के मुख्य प्रचारक मनमोहन वैद्य का कहना है कि कन्नन को पद से स्वास्थ्य संबंधी कारणों को घर भेजा गया है। अब वह अपना परिवारिक जीवन शुरू करेंगे। साथ ही स्थानीय स्तर पर कार्य करते रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक कन्नन के किसी महिला के साथ गुप्त संबंध को लेकर संघ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उसका मानना है कि ऐसा करके कन्नन ने संघ का अपमान किया है। संघ के प्रचारक पद से लेकर सभी उच्च पदों के लिए ब्रह्मचारी होना पहली शर्त है।
सूत्रों के मुताबिक कन्नन के किसी महिला के साथ गुप्त संबंध को लेकर संघ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उसका मानना है कि ऐसा करके कन्नन ने संघ का अपमान किया है। संघ के प्रचारक पद से लेकर सभी उच्च पदों के लिए ब्रह्मचारी होना पहली शर्त है।
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सारी जिम्मेदारियों से कर दिया गया मुक्त
RSS ने कहा कि यदि वह वैवाहिक जीवन चाहते थे तो पहले ही पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। सूत्रों के अनुसार मामले के खुलासे के बाद अक्टूबर में कोच्चि में आयोजित संघ की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में कन्नन ने बीमार पिता की देखरेख के लिए परिवारिक जीवन में वापस जाने की इच्छा जताई थी।
हालांकि उस समय उनकी स्थिति के बारे में निर्णय नहीं लिया गया था। बाद में सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने उन्हें सभी जिम्मदारी के पदों से हटाने की घोषणा कर दी थी।
हालांकि उस समय उनकी स्थिति के बारे में निर्णय नहीं लिया गया था। बाद में सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने उन्हें सभी जिम्मदारी के पदों से हटाने की घोषणा कर दी थी।
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