धनकुबेरों की बढ़ती तादाद अगले 10 वर्ष में भारत को अरबपतियों के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंचा देगी। यह संभावना ग्लोबल स्तर पर धन-दौलत और संपत्ति से जुड़े अध्ययन करने वाली फर्म नाइट फ्रैंक की ताजा रिपोर्ट में जताई गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013 तक भारत में अरबपतियों (बिलेनियर) की संख्या में 98 से 119 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। इसके चलते भारत अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा अरबपतियों वाला देश बन जाएगा। फिलहाल देश में अरबपतियों की संख्या 60 है।
ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस को पछाड़ देगा
रिपोर्ट के मुताबिक अरबपतियों की संख्या में तेजी
से बढ़ोतरी होने के चलते अगले एक दशक में भारत इस मामले में ब्रिटेन,
जर्मनी और फ्रांस जैसे विकसित देशों को पछाड़ देगा।
अगले एक दशक में धन कुबेरों द्वारा दौलत कमाने में तेजी आने के चलते देश में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनडब्ल्यूआई) की संख्या बढ़कर करीब दोगुनी हो जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति वाले (सेंटा मिलेनियर) धनपतियों की संख्या 2023 तक 99 फीसदी बढ़कर 761 पर पहुंच जाएगी। वर्ष 2013 में देश में ऐसे लोगों की संख्या 383 थी।
अगले एक दशक में धन कुबेरों द्वारा दौलत कमाने में तेजी आने के चलते देश में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनडब्ल्यूआई) की संख्या बढ़कर करीब दोगुनी हो जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति वाले (सेंटा मिलेनियर) धनपतियों की संख्या 2023 तक 99 फीसदी बढ़कर 761 पर पहुंच जाएगी। वर्ष 2013 में देश में ऐसे लोगों की संख्या 383 थी।
अरबपतियों की तादाद में होगा भारी इजाफा
इसके अलावा अगले 10 वर्ष में यूएचएनडब्ल्यूआई की
संख्या भी 99 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,576 से बढ़कर 3,130 पर पहुंच जाने
का अनुमान रिपोर्ट में जताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन में अरबपतियों की तादाद में 144 फीसदी हो सकती है। हालांकि इंडोनेशिया और वियतनाम में इससे अधिक 166 फीसदी की वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया गया है।
पूरे एशिया में 2023 तक यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या 43 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 58,588 पर पहुंचने का अनुमान नाइट फ्रैंक ने जताया है। इससे एशिया इस मामले में एक दशक में यूरोप औश्र उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से आगे निकल जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन में अरबपतियों की तादाद में 144 फीसदी हो सकती है। हालांकि इंडोनेशिया और वियतनाम में इससे अधिक 166 फीसदी की वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया गया है।
पूरे एशिया में 2023 तक यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या 43 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 58,588 पर पहुंचने का अनुमान नाइट फ्रैंक ने जताया है। इससे एशिया इस मामले में एक दशक में यूरोप औश्र उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से आगे निकल जाएगा।
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