बेंगलुरू । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ [आरएसएस] प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को नमो-नमो का जाप करने से मना करने के बयान पर मंगलवार को संघ के प्रवक्ता राम माधव ने उनका जमकर बचाव किया। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। माधव ने कहा कि संघ प्रमुख ने के कहने का यह अर्थ नहीं था। इसके अलावा संघ ने भाजपा को नसीहत दी है कि पार्टी के नाराज नेताओं से सख्ती से न निपटा जाए।
गौरतलब है कि बेंगलुरू में हुई संघ की प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा था कि नमो-नमो का जाप करना संघ के स्वयं सेवकों का काम नहीं है बल्कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करना संघ का काम है। भागवत ने कहा है कि संघ अपनी मर्यादा का उल्लंघन कभी नहीं करेगा।
बेंगलुरू में हुई आरएसएस की प्रतिनिधि सभा के दौरान उन्होंने कहा कि संघ किसी भी तरह से व्यक्तित्व संचालित अभियान [पर्सनेलिटी ड्राइविन कैंपेन] का हिस्सा नहीं बन सकता है। लिहाजा उसको अपनी मर्यादा में रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का काम करना होगा। इस सभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी शामिल थे। मोहन भागवत द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को दी गई इस नसीहत के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
इस मौके पर आरएसएस को भाजपा के लिए चाणक्य की तरह काम करने को भी कहा गया। मोहन भागवत ने इस दौरान यह कहकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है कि संघ किसी भी सूरत से किसी भी पार्टी का हिस्सा नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने की ओर अग्रसित संघ प्रमुख ने कहा कि इस समय यह सोचने का वक्त नहीं है कि कौन जीतेगा और कौन सरकार बनाएगा, बल्कि यह समय इस बात को सोचने का है कि कौन जीतना नहीं चाहिए।
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