पहला : उड़ान के दौरान मोबाइल फोन चालू रहने की मंजूरी कैसे मिली?
दूसरा : कॉकपिट की एंट्री सुरक्षित क्यों नहीं थी और अगर एक पायलट कॉकपिट के बाहर खड़ा होकर मोबाइल फोन से डांस को शूट करा था तो उसे बाधित क्यों नहीं किया गया?
एयरक्राफ्ट नियमों 1957 के 29बी अधिनियम के मुताबिक, एयरक्राफ्ट में उड़ान के दौरान सभी पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। नियम में कहा गया है कि किसी को भी डिवाइस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। यहां तक कि पायलट को भी एयरक्राफ्ट में उड़ान के दौरान इसका प्रयोग करने की मंजूरी नहीं है। इस नियम को 2010 में संशोधित किया गया था, जिसके बाद लैंडिंग या टेक ऑफ से पहले मोबाइल फोन चालू रखने की अनुमति दी गई थी। लेकिन फ्लाइट के हवा में उड़ने के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल अब भी नहीं किया जा सकता।
खबर के मुताबिक, उड़ान के दौरान डांस को शूट करते वक्त करीब 25 मोबाइल फोन चालू थे। ये फ्लाइट की सूचना प्रणाली को बाधित कर सकते थे। डीजीसीए का विशेष रूप से एतराज मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर है, जिसका जवाब देना स्पाइस जेट के लिए काफी मुश्किल हो सकता है।
गौरतलब है कि कंपनी ने डीजीसीए को जवाब में कहा था कि डांस की प्रस्तुति सिर्फ ढ़ाई मिनट चली और ऐहतियाती कदम के तौर पर उससे पहले अतिरिक्त चालक दल तैनात कर दिए गए थे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने संभावित हवाई सुरक्षा उल्लंघन पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और इसके दो पायलटों को निलंबित कर दिया है।
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