लखनऊ। कासगंज की सोरों पुलिस अभिरक्षा में हुए युवती से दुष्कर्म के
मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। जिस समय सिपाही दुष्कर्म कर रहा था,
उस समय उसकी पुलिस पत्नी भी घर में थी। पीड़िता चीखी-चिल्लाई, लेकिन किसी
ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। इस मामले को लेकर पुलिस की भारी फजीहत हो
रही है।
पुलिस अभिरक्षा में दुष्कर्म की शिकार युवती ने मंगलवार को पूरा घटनाक्रम जांच कर रहे पुलिसकर्मियों को बताया। उसने बताया कि जब सिपाही सत्यप्रकाश ने उससे दुष्कर्म किया, तब उसकी सिपाही पत्नी कृष्णा भी मौजूद थी। उसने बचाने की कोशिश नहीं की। बयान के बाद युवती को माता-पिता के हवाले कर दिया गया है। पीड़िता ने महिला सिपाही को षड्यंत्र की धारा 120 बी व उसके पति सिपाही सत्यप्रकाश के विरुद्ध 376 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा, कांग्रेस व बसपा ने सवाल उठाया कि जब थाने में ही आबरू सुरक्षित नहीं तो बाहर कौन सुरक्षित हो सकता है। उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी व बर्खास्त करने की मांग उठाई।
आखिर जनता कहां जाए:
कांग्रेस की प्रदेश सचिव डा. शशि लता चौहान ने कहा कि पुलिस कहीं लुटेरों का साथ दे रही है तो कहीं आबरू लूट रही है, ऐसे में जनता कहां जाए। भाजपा नेता मनोज शर्मा के मुताबिक, प्रदेश सरकार को ऐसे पुलिस कर्मियों को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। पीड़िता के अधिवक्ता मुस्तफा कामिल ने कहा कि खाकी ने जो कार्य किया है, इससे लोगों का भरोसा पुलिस से उठेगा। बसपा नेता केपी सिंह ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
उम्र कैद की सजा का प्रावधान:
आरोपी आरक्षी दंपति के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें उम्र कैद की सजा तक हो सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक तिवारी ने बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि पर भी सजा निर्भर करती है। वैसे कम से कम सात वर्ष और ज्यादा से ज्यादा उम्र कैद तक सजा दोष पाए जाने पर दी जा सकती है।
दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी:
एसपी विनय कुमार यादव ने बताया कि आरोपियों को निलंबित किया जा चुका है। उन पर लगे आरोपों की जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर पुलिस उचित कार्रवाई करेगी।
पुलिस अभिरक्षा में दुष्कर्म की शिकार युवती ने मंगलवार को पूरा घटनाक्रम जांच कर रहे पुलिसकर्मियों को बताया। उसने बताया कि जब सिपाही सत्यप्रकाश ने उससे दुष्कर्म किया, तब उसकी सिपाही पत्नी कृष्णा भी मौजूद थी। उसने बचाने की कोशिश नहीं की। बयान के बाद युवती को माता-पिता के हवाले कर दिया गया है। पीड़िता ने महिला सिपाही को षड्यंत्र की धारा 120 बी व उसके पति सिपाही सत्यप्रकाश के विरुद्ध 376 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा, कांग्रेस व बसपा ने सवाल उठाया कि जब थाने में ही आबरू सुरक्षित नहीं तो बाहर कौन सुरक्षित हो सकता है। उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी व बर्खास्त करने की मांग उठाई।
आखिर जनता कहां जाए:
कांग्रेस की प्रदेश सचिव डा. शशि लता चौहान ने कहा कि पुलिस कहीं लुटेरों का साथ दे रही है तो कहीं आबरू लूट रही है, ऐसे में जनता कहां जाए। भाजपा नेता मनोज शर्मा के मुताबिक, प्रदेश सरकार को ऐसे पुलिस कर्मियों को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। पीड़िता के अधिवक्ता मुस्तफा कामिल ने कहा कि खाकी ने जो कार्य किया है, इससे लोगों का भरोसा पुलिस से उठेगा। बसपा नेता केपी सिंह ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
उम्र कैद की सजा का प्रावधान:
आरोपी आरक्षी दंपति के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें उम्र कैद की सजा तक हो सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक तिवारी ने बताया कि आपराधिक पृष्ठभूमि पर भी सजा निर्भर करती है। वैसे कम से कम सात वर्ष और ज्यादा से ज्यादा उम्र कैद तक सजा दोष पाए जाने पर दी जा सकती है।
दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी:
एसपी विनय कुमार यादव ने बताया कि आरोपियों को निलंबित किया जा चुका है। उन पर लगे आरोपों की जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर पुलिस उचित कार्रवाई करेगी।
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