सोमवार, मार्च 24, 2014

'बिकनी किलर' शोभराज ने किया नया खुलासा

तालिबान के लिए की दलाली करता था शोभराज

कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज ने खुलासा किया है कि वो तिहाड़ जेल में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के साथ दोस्ती होने के बाद उसने बतौर हथियार दलाल के तौर पर तालिबान के लिए काम किया था।

धोखा और छल करने के अपने कौशल के चलते ‘दि बिकनी किलर’ और ‘दि सर्पेंट’ नाम से चर्चित 70 वर्षीय शोभराज ने ये भी दावा किया है कि वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से भी जुड़ा रहा था।

भारत सहित कई देशों की जेलों में अपना काफी समय काट चुके इस 'बिकनी किलर' ने काठमांडू जेल से एक ब्रिटिश पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि तालिबान को हथियार खरीदने के लिए हेरोइन बेचने की जरूरत थी और उसने अपने संपर्कों के माध्यम से उसकी मदद की।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से भी जुड़ा रहा

तिहाड़ जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए उसने कहा कि अजहर के संपर्क में आने के बाद वह बतौर हथियार दलाल तालिबान के लिए काम करने लगा। अजहर पर आरोप है कि वह संसद पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता है।

दिसंबर, 1999 में जब इंडियन एयरलाइंस के विमान को काठमांडू से अपहरण कर कांधार ले जाया गया था तब उसके यात्रियों को मुक्त कराने के लिए अजहर और दो अन्य आतंकवादी रिहा किए गए थे।

रिहाई के बाद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया था। शोभराज ने बताया कि तालिबान को हथियार खरीदने के लिए हेरोइन बेचने की जरूरत थी और उसका कुछ चीनी अपराधियों के साथ संपर्क था, उसने तो नेपाल में एक सौदे के लिए भेंट में तालिबान का प्रतिनिधित्व करने की भी पेशकश की थी।

शोभराज ने ही तालिबान को मुहैया कराए थे हथियार

अपने साक्षात्कार में 'बिकनी किलर' ने बताया कि मैं सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के लिए भी काम कर रहा था। उसने बताया कि उसका लक्ष्य तो दोनों ही पक्षों को धोखा देना था और उसने सीआईए को आतंकवादी संगठन एवं अपराधी संगठन के बीच मादक पदार्थ तस्करी और हथियार सौदे ध्वस्त कराने में मदद की थी।

शोभराज ने दावा किया कि मैंने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में अपना जीवन दांव पर लगा दिया। उसने कहा कि उसे तब गिरफ्तार किया गया जब सीआईए ने उससे पल्ला झाड़ लिया। उसने कहा कि वह मेरी मदद नहीं कर पाए क्योंकि मैं अंडरकवर था।

शोभराज ने यहां तक दावा किया कि 2003 के इराक युद्ध से पहले लाल पारा खरीदने के लिए सद्दाम हुसैन शासन के एक एजेंट ने उससे संपर्क किया था। लाल पारा का कथित रूप से परमाणु हथियार बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

गार्डों को नशीली मिठाई खिलाकर भागा था तिहाड़ से

उल्लेखनीय है कि शोभराज ने 1986 में अपने जन्मदिन के बहाने सुरक्षा गार्डों को मिठाई में मादक पदार्थ मिलाकर बेहाश कर दिया और वह तिहाड़ जेल से भाग गया था। उसे विभिन्न अपराधों के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

शोभराज फिलहाल काठमांडू जेल में वर्ष 2003 से उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसे 1975 में एक अमेरिकी महिला की हत्या करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। बीस साल की उम्रकैद की सजा में शोभराज आधा समय जेल में गुजार चुका है।

उसने नेपाल में भी जेल से भागने की असफल कोशिश की थी, जिसके बाद उसे जेल में कड़ी सुरक्षा में रख दिया गया। शोभराज फ्रांसीसी नागरिक है और उसके माता-पिता में से एक भारतीय जबकि दूसरा वियतनामी था।

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