शुक्रवार, मार्च 07, 2014

अखिलेश का दावा, बसपा ने बदनाम किया अंबेडकर का नाम

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रदेश की पिछली बसपा सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती पर डॉक्टर अंबेडकर के नाम को बदनाम करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डॉक्टर अंबेडकर से बड़ी प्रतिमा लगाकर उन्होंने गलत काम किया है। ऐसा करके पूर्व सीएम ने अपने को बाबा साहिब से बड़ा होने का झूठा दावा किया है।
उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बसपा सरकार ने सिर्फ नाम बदलने की राजनीति की है। प्रदेश के स्कूल कॉलेजों के नाम बदलकर उन्होंने विकास का झूठा दावा पेश किया है। साथ ही प्रदेश में जमकर लूट भी की है।
एक निजी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम में उन्होंने अपने दो वर्ष के कार्यकाल की जमकर सराहना की। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चल प्रदेश में चल रही मोदी की लहर को भी सिरे से नकार दिया। अखिलेश ने यहां तक कहा कि अब भाजपा की रैलियों में भी लोग जाने लगे हैं लेकिन उनकी संख्या सपा रैलियों में आने वाले लोगों से बेहद कम है।
सपा सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने छात्राओं और प्रदेश के युवाओं का खास ध्यान रखते हुए कई योजनाएं शुरू की हैं। साथ ही प्रदेश में उद्योगों का भी विकास किया है। यही वजह है कि यहां पर विकास अन्य राज्यों की ही तर्ज पर हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि मध्यप्रदेश विकास के मामले में यूपी से आगे है।
इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि वहां पर पिछले कई वर्षो से भाजपा की ही सरकार है, लिहाजा वहां पर यह विकास देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में आने वाली सरकार के बारे में फैसला जनता को ही करना है। लेकिन यूपी की जनता इस दौरान यह जरूर याद रखेगी कि प्रदेश की पूर्व की बसपा सरकार और केंद्र की सरकार से अच्छा राज समाजवादी पार्टी का रहा है। उन्होंने इसको लेकर विश्वास भी जताया कि पार्टी प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर दिखाएगी।
सूबे के मुखिया ने इस कार्यक्रम के दौरान विपक्षी पार्टियों पर प्रदेश में सिर्फ राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने अपने हर काम का राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश की है, जबकि सपा सरकार ने जो भी अब तक विकास किया उसका कभी राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं की। अरविंद केजरीवाल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली और यूपी की राजनीति में जमीन आसमान का फर्क है। इसका कहीं मिलान नहीं किया जा सकता है।

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