सीपी जोशी पर आरोप
राजस्थान में लोकसभा चुनाव चुनाव से पहले कांग्रेस
की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा ने
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी पर चूरू सीट का टिकट 22 करोड़
रुपये में असम के एक व्यवसायी को बेचने का सनसनीखेज आरोप लगा डाला है।
टिकट वितरण से खफा होकर शर्मा ने एक दिन पूर्व ही राष्ट्रीय कांग्रेस व प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया था। शर्मा ने कहा कि उन्होंने सांसद का टिकट नहीं मांगा था।
पुत्र अनिल ने चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी जताई है। सीकर, चूरू, नागौर व अन्य जिलों में पार्टी ने ब्राह्मणों का ध्यान नहीं रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने टिकटों का सौदा किया है।
टिकट वितरण से खफा होकर शर्मा ने एक दिन पूर्व ही राष्ट्रीय कांग्रेस व प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया था। शर्मा ने कहा कि उन्होंने सांसद का टिकट नहीं मांगा था।
पुत्र अनिल ने चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी जताई है। सीकर, चूरू, नागौर व अन्य जिलों में पार्टी ने ब्राह्मणों का ध्यान नहीं रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने टिकटों का सौदा किया है।
कांग्रेस का होगा विभाजन
असम के व्यवसायी को टिकट दे रहे हैं उसके उल्फा से भी संबंध हैं। इस बारे में जोशी ने कोई भी बयान देने से मना किया।
जानकारी के अनुसार शर्मा ने गत सोमवार को ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दिल्ली में मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने खुद के भाजपा में शामिल होने से मना किया है। वे अपने पुत्र अनिल शर्मा को चूरू से टिकट दिलाने के लिए दिल्ली गए थे, मगर वहां उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिली।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई विधायक पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं और वह उनके संपर्क में हैं। शर्मा दावा कर रहे है कि जून में विधानसभा सत्र होने जा रहा है और उससे पहले वह कांग्रेस में विभाजन कर देंगे, जिससे कांग्रेस की प्रतिपक्ष की मान्यता भी खत्म हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार शर्मा ने गत सोमवार को ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दिल्ली में मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने खुद के भाजपा में शामिल होने से मना किया है। वे अपने पुत्र अनिल शर्मा को चूरू से टिकट दिलाने के लिए दिल्ली गए थे, मगर वहां उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिली।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई विधायक पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं और वह उनके संपर्क में हैं। शर्मा दावा कर रहे है कि जून में विधानसभा सत्र होने जा रहा है और उससे पहले वह कांग्रेस में विभाजन कर देंगे, जिससे कांग्रेस की प्रतिपक्ष की मान्यता भी खत्म हो जाएगी।
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