रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के तोंगपाल क्षेत्र में मंगलवार को नक्सलियों ने बड़ा हमला कर कर दिया, इस हमले में 15 जवान शहीद हो गए और एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। एडीजी (नक्सल आॅपरेशन) आरके विज ने दैनिक भास्कर से बातचीत में 16 मौतों की पुष्टि की है। उनके मुताबिक नक्सली हमले में 11 सीआरपीएफ के जवान, 4 जिला पुलिस बल के जवान और एक आम नागरिक को जान गंवानी पड़ी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
सुकमा से जगदलपुर के बीच में नेशनल हाईवे का निर्माण चल रहा है। इसमें लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी को सुरक्षा देने के लिए निकली सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीम को नक्सलियों ने निशाना बनाया। एके 47 समेत अन्य अत्याधुनिक हथियारों से लैस 200 से ज्यादा नक्सली आसपास के खेतों, पेड़ों के ऊपर और उनके पीछे छिपे हुए थे। जवानों के पास आते ही नक्सलियों ने सामने चल रहे 15 जवानों की टीम पर हमला किया। दूसरी टीम करीब 50 मीटर पीछे थी, जिसे नक्सलियों की दूसरी पार्टी ने फायरिंग करके रोके रखा। ताकि वे आगे न बढ़ पाएं।
पहली पार्टी के ज्यादातर जवान सड़क और खेतों में ही मारे गए। आसपास में नक्सलियों ने बारूदी सुरंगें भी बिछा रखी थीं। विस्फोटकों की चपेट में आकर भी कई जवान मारे गए। नक्सलियों ने हमले में शहीद सारे जवानों के हथियार, वायरलेस सेट और बाकी सामान लूट लिया। लूटे गए हथियारों में एके 47 से अलावा अंडरबैरल ग्रेनेड लांचर और लाइट मशीनगन जैसे खतरनाक हथियार भी हैं। 14 जवानों और एक नागरिक के शव को पुलिस ने घटनास्थल से हटा लिया है। सीआरपीएफ के एक जवान का शव अभी भी घटनास्थल पर है।
गौरतलब है कि 28 फरवरी को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में इसी तरह से निकली पुलिस पार्टी पर हमला किया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे।
पोकलेन मशीन को किया आग के हवाले
नक्सलियों ने पहले धमाका किया और फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे। करीब दो घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी चलती रही। नक्सलियों ने जवानों पर हमले से पहले एक पोकलेन मशीन में भी आग लगा दी, ताकि उस क्षेत्र में आवाजाही रोकी जा सके।
शहीद सीआरपीएफ के जवान 80वीं बटालियन के थे। हमले की खबर मिलते ही सीआरपीएफ के लगभग तीन सौ जवान घटनास्थल पर भेजे गए। रायपुर से एक हेलीकॉप्टर घायल जवानों को लाने के लिए भेजा गया। घायलों को तोंगपाल लाया गया, कुछ घायल जवानों को जगदलपुर भी इलाज के लिए लाया गया।
मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिल्ली दौरा रद्द कर रायपुर वापस लौटने का फैसला किया और तत्काल आला अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री चुनावी बैठकों के सिलसिले में दिल्ली गए थे।
लोकसभा चुनाव के ऐन पहले हुआ हमला:
यह हमला लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि नक्सली विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी वारदात नहीं कर पाए थे। उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने और नोटा का अधिक इस्तेमाल करने के लिए फरमान जारी किया था। इसके बावजूद राज्य में 77 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसे लेकर नक्सलियों के अंदर एक खीझ थी और वह पिछले कुछ समय से किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। एक सप्ताह पहले उन्होंने बचेली में भी हमला कर पांच जवानों की हत्या कर दी थी। उन्होंने ताजा हमला उसी झीरम घाटी में अंजाम दिया जहां पिछले साल मई में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को एक साथ मौत के घाट उतार दिया था।
ये हैं शहीद
नकुल ध्रुव, प्रदीप कुमार, कौशल सिंह, मोहन सिंह,नेहर सिंह, टीआर सिंह, राजेंद्र गावडकर, लच्छीधर सिंह,आदित्य कुमार शाह, सुभाष चन्द्र, मनोज बरेठी, सोमनाथ, इसुफ़ कुमार पिस्दा, सुभाष कुमार और फैज़ल हक शहीद हुए हैं। हमले में एक ग्रामीण विक्रम निषाद की भी मौत हो गई है।
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