नई दिल्ली। दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सात हत्यारों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी। इससे पहले 24 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महज तीन की रिहाई पर रोक लगाई थी। इसमें पेरीवलन, मुरुगन और संथन का नाम शामिल था। लेकिन आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट रूप से इसमें चार अन्य नामों का भी जिक्र कर स्थिति को स्पष्ट कर दिया।
इस स्थगन आदेश से तमिलनाडु की जयललिता सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से यथास्थिति बरकरार रखने की बात कही थी। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा दोषियों को रिहा करने की कानूनी प्रक्रिया पर जयललिता सरकार से जवाब भी मांगा था। इस मामले में अब 6 मार्च को फिर सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका निपटाने में हुई देरी के आधार पर राजीव गांधी के तीन हत्यारों मुरुगन, संथन और पेरारिवलन की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके बाद ही तमिलनाडु सरकार ने इन्हें रिहा करने की बात कही थी। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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