मंगलवार, फ़रवरी 25, 2014

ट्रेन छूटने के दो घंटे के भीतर काउंटर पर ही मिलेगा रिफंड

नई दिल्ली । पहली मार्च के बाद भी आप ट्रेन छूटने के दो घंटे के भीतर रेलवे काउंटर पर अपने कन्फर्म टिकट पर पचास फीसद रिफंड ले सकेंगे। सामूहिक रिजर्वेशन में कुछ यात्रियों के रिजर्वेशन कैंसिल कराने पर भी यही बात लागू होगी। इस बाबत रेलवे के रिफंड नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। रिफंड नियमों को लेकर 21 फरवरी के जिस सर्कुलर से भ्रम की स्थिति पैदा हुई, वह दो घंटे के बाद टिकट रिफंड कराने पर लागू होगा। इसके लिए टिकट जमा रसीद (टीडीआर) लेकर चीफ कॉमर्शियल मैनेजर यानी सीसीएम को आवेदन करना होता है।
रेलवे ने यह कदम जुलाई, 2013 में लागू नए रिफंड नियमों का दुरुपयोग रोकने के लिए उठाया है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने 21 फरवरी, 2014 को कॉमर्शियल सर्कुलर-6 जारी किया था। इससे आम लोगों को लगा कि पहली मार्च, 2014 से उन यात्रियों को रिफंड नहीं मिलेगा, जिनकी ट्रेन छूट गई होगी या जो किसी कारणवश यात्रा नहीं करना चाहेंगे। सामूहिक रिजर्वेशन कराने वालों को भी प्रतीत हुआ कि अब उनमें से उन यात्रियों को रिफंड नहीं मिलेगा जो किसी कारण से अपने बाकी साथियों के साथ यात्रा पर नहीं जा पाते हैं। इसलिए केवल अपना आरक्षण रद कराना चाहते हैं।
मंगलवार को रेलवे बोर्ड अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट की। इसके अनुसार नवीनतम सर्कुलर-6 केवल 2004 के सर्कुलर-1 को जुलाई, 2013 में लागू नए रिफंड नियमों के अनुरूप करने के लिए जारी किया गया है। दरअसल, जुलाई 2013 में लागू संशोधित नियमों के तहत रिफंड लेने की प्रक्रिया को सख्त बनाया गया था। इसके तहत ट्रेन छूटने के दो घंटे के भीतर ही काउंटर से रिफंड प्राप्त किया जा सकता है। इसके बाद रिफंड लेने के लिए तीन दिन के भीतर काउंटर पर टिकट जमा कराकर टीडीआर लेनी होती है। इसे नत्थी कर दस दिन के भीतर संबंधित सीसीएम को आवेदन करना पड़ता है। आवेदन सही पाने पर सीसीएम रिफंड का पे ऑर्डर यात्री को भेजता है।
अधिकारियों के अनुसार जुलाई, 2013 में रिफंड नियमों में बदलाव तो कर दिया गया, मगर 2004 के सर्कुलर-1 में इसके मुताबिक तब्दीली नहीं की गई। इसका दुरुपयोग होने से रेलवे को नुकसान हो रहा था। यात्री आरक्षण सिस्टम (पीआरएस) में खामी रह गई थी। इससे काउंटर क्लर्क दो घंटे बाद वाले रिफंड क्लेम भी स्वीकार कर लेते थे। अब क्रिस (सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम) से भी पीआरएस में तकनीकी संशोधन को कहा गया है। इससे काउंटर पर गलती से भी दो घंटे बाद के रिफंड दावे स्वीकार नहीं किए जा सकेंगे।

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