सोमवार, फ़रवरी 24, 2014

अब ट्रेन छूटी तो नहीं मिलेगा रिफंड, केवल चार परिस्थितियों में ही लौटेगा पैसा

नई दिल्ली. आप ट्रेन में समूह में सफर करने वाले हैं, लेकिन ऐन वक्त पर किसी साथी को यात्रा रद्द करनी पड़े तो उसका किराया रिफंड नहीं हो पाएगा। रेलवे बोर्ड उस व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है, जिसके तहत ऐन वक्त पर यात्रा रद्द करने वाले साथी का किराया यात्रा की तारीख से 10 दिनों के भीतर वापस मिल जाया करता है।
यह नया नियम एक मार्च से लागू हो जाएगा। इस संबंध में रेलवे टिकटिंग सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। जारी कमर्शियल सर्कुलर के मुताबिक कन्फर्म रिजर्वेशन और आरएसी के टिकट पर पैसे की वापसी सिर्फ
ट्रेन निरस्त होने,
मार्ग बदलने से सफर नहीं कर पाने,
एसी कोच खराब होने,
एसी कोच नहीं लगने पर निचली श्रेणी में सफर करने की सूरत में ही हो सकेगी।
इसे ऐसे समझिए : एक पीएनआर पर सफर करने वाले यात्रियों में से कुछ को ऐन वक्त पर यात्रा रद्द करनी पड़ती है। ऐसा होने पर यात्री अपने साथी के सफर नहीं करने की जानकारी टीटीई को देते हैं। इसके आधार पर टीटीई एक्सेशनल डेटा रिपोर्ट (ईडीआर) भरता है, और संबंधित स्टेशन में जमा करा देता है।
रिजर्वेशन सिस्टम में फीड होने के 10 दिनों के भीतर किराया वापस मिल जाता है। लेकिन रेलवे ने अब इस सुविधा पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर ली है।
अब किसी भी यात्री को ईडीआर के आधार पर रिफंड के लिए 10 दिनों की मोहलत नहीं मिलेगी। यदि उसे सफर नहीं करना है तो ट्रेन छूटने के पहले ही काउंटर पर जाकर किराया वापस लेना होगा।
वर्तमान में कन्फर्म टिकट के यात्री को ट्रेन छूटने के 2 घंटे बाद तक लगभग 50 प्रतिशत तक रिफंड मिल जाता है। वहीं दूसरी ओर, वेटिंग टिकट वाले यात्री को तीन घंटे के भीतर रिफंड लेने की सुविधा है। यह नियम ई-टिकट और काउंटर टिकट, दोनों पर ही लागू होता है।
पहले यह नियम भी था कि यदि किसी ने ग्रुप टिकट खरीदा है, तो कुछ यात्रियों के नहीं होने की स्थिति में टीटी की रिपोर्ट के आधार पर किराया वापस कर दिया जाता था। रेलवे के नए नियम के अनुसार, भले ही आपने ग्रुप टिकट लिया हो, लेकिन ट्रेन छूटने की स्थिति में आपको किराया वापस नहीं दिया जाएगा।

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