
इस तूफान की वजह से उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उड़ीसा के समुद्री तट पर तीन मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
तूफान के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने पुरी, गोपालपुर, श्रीकाकुलम, गंजाम, कुर्टा, जगतसिंह जिलों के निचले समुद्री इलाकों को खाली करा लिया है। इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगापत्तनम और दक्षिण उड़ीसा पारादीप के बीच समुद्र तट से टकराने की संभावना है।
फेलिन का अर्थ सफायर (नीलम) होता है। ये शब्द थाइलैंड का है। जापान के मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अक्टूबर को इसे थाइलैंड की खाड़ी में मॉनिटर करना शुरू किया।
इसके बाद पश्चिमी पैसिफिक बेसिन होता हुआ अंडमान सागर पहुंचा। अंडमान द्वीप के मायाबंदर होते हुए फेलिन बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ गया। यहां इसे मॉनिटर करने के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसे फेलिन नाम दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें