लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह को भी गाजियाबाद की सीमा से गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही इस मामले में अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुजफ्फरनगर दंगा मामले में गिरफ्तार चार में से तीन भाजपा नेता हैं जबकि एक नूर सलीम राणा बसपा के एमएलए हैं। हुकुम सिंह को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ के साथ आज हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जाना था लेकिन जिला प्रशासन की ओर से मंजूरी न मिलने की वजह से उनका दौरा रद्द कर दिया गया।
राजनाथ का दौरा रद्द होने के बाद हुकुम सिंह अपने घर लौट रहे थे, तभी गाजियाबाद की सीमा में दाखिल होते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले, इस मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता संगीत सोम तथा सुरेश राणा और बसपा नेता नूर सलीम राणा को कोर्ट ने 14 दिन के लिए हिरासत में भेज दिया। मुजफ्फरनगर में शनिवार को गिरफ्तारी के बाद भाजपा विधायक सुरेश राणा व संगीत सोम को एसीजेएम की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल दिया। वहीं शामली के थानाभवन विधायक सुरेश राणा की जमानत पर 24 सितबंर व विधायक संगीत सोम की जमानत पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी। भाजपा के दोनों विधायकों पर मुजफ्फरनगर में पंचायत में भड़काऊ भाषण देने व दंगा भड़काने का आरोप लगा है। कोर्ट में पेशी के दौरान अदालत में भारी संख्या में पीएसी, आरएफ व पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
इस बीच कोर्ट परिसर में भाजपा के एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सुरेश राणा थानाभवन से विधायक हैं।
एक ओर शनिवार सुबह जहां सरधना के सलावा गांव में भाजपा के स्थानीय विधायक संगीत सोम ने हजारों समर्थकों के भारी विरोध के बीच अपनी गिरफ्तारी दी, वहीं चरथावल के बसपा विधायक नूर सलीम राणा को पुलिस ने मेरठ और मुजफ्फरनगर के बीच गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों विधायकों को कडी सुरक्षा व्यवस्था में मुजफ्फरनगर लाया जा रहा है।
सलावा गांव में गिरफ्तारी देने से पहले भाजपा विधायक संगीत सोम मीडिया से मुखातिब हुए और अपने पर लगाए सभी आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भेदभावपूर्ण नीति पर कार्य कर रही है। गिरफ्तार करने पहुंचे एसपी देहात एमएम बेग से उन्होंने वारंट दिखाने के लिए भी कहा। जब वह पार्टी कार्यकर्ता सुनील भराला की गाड़ी से पुलिस के साथ गांव से निकलने लगे तो समर्थक सड़क पर लेट गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद संगीत सोम अपनी गाड़ी में बैठकर पुलिस की घेरेबंदी में वहां से रवाना हो गए। इनकी गिरफ्तारी के लिए कई थानों की पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बल व पीएसी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इससे कई घंटे हंगामा हुआ।
रालोद महासचिव जयंत चौधरी ने गुपचुप तरीके से काकड़ा पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की, जबकि कुटबा में फर्जी नामजदगी में शामिल लोगों के परिजनों से मिलकर उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन दिया। सांसद जयंत चौधरी के आने की भनक पुलिस को नहीं लग पाई थी। इधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह का दौरा रद हो गया। फिर भी सड़क मार्ग से उनके पहुंचने की आशंका में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह चौकस है।
पुरबालियान में सांप्रदायिक दंगे में घायल हुए सोरम निवासी विपिन की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनका शव गांव लाया जा रहा है। इसके मददेनजर गांव में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। एनेक्सी के मीडिया सेंटर में राणा की गिरफ्तारी की घोषणा एडीजी/आइजी (कानून-व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा और गृह सचिव सर्वेश चंद्र मिश्र ने की। उन्होने बताया मुजफ्फरनगर पुलिस ने राणा की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ पुलिस से सहयोग मांगा था। राणा को दफा 188 , 153 क (धर्म जाति के बीच विद्वेष की भावना भड़काना), 435 (आगजनी), 353 (सरकारी कार्य में बाधा) और सेवेन क्रिमिनल लॉ अमेडमेंट के तहत गिरफ्तार किया गया है। मुजफ्फरनगर जिले के उपनिरीक्षक और मामले के विवेचक हरपाल सिंह ने राणा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर ट्रवेल्स रिमांड मांगी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें