शुक्रवार, अक्तूबर 28, 2011

जानिए क्यों मनाई जाती है भाईदूज


कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया यानि भाई दूज पर घर-घर में शुक्रवार को कन्याओं व महिलाओं ने यमकृयमुना की कथा सुनी। कई जगह महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा की। इस अवसर पर बहनों ने भाईयों के तिलक लगाकर मिठाई खिलाई और भाई की दीर्घ आयु की कामना की। वहीं भाइयों ने बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया को यम-द्वितीया भी कहा जाता है। शास्त्रों का हवाला देते हुए पं.बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं.दामोदर प्रसाद शर्मा बताते हैं कि यमराज की बहन यमुना थी। यमराज अक्सर अपने शासन कार्यों में व्यस्त रहते थे। इससे वे यमुनाजी से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को यमुनाजी उनसे मिलने के लिए स्वयं उनके पास चली गईं। इससे यम बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुनाजी से कोई वरदान मांगने को कहा। तब यमुनाजी ने बहन के द्वारा भाई को बुलाने, उसे अपने हाथ से खाना खिलाने और भाइयों की बल व आयु की वृद्धि होने का वर मांगा। तभी से इस दिन को भाई दूज या यम द्वितीय के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन यमुना में स्नान का भी विशेष महत्व है।

कोई टिप्पणी नहीं: