अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने फेफड़ों के कैंसर से बचाव करने और ट्यूमर को बढ़ने से रोकने वाली दवा को मंजूरी दे दी है। दवा कंपनी फाइजर द्वारा निर्मित 'जालकोरी' नामक यह गोली कैंसर पीड़ितों के शरीर में इस बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन पर हमला कर उपचार करती है।
इससे उन कैंसर मरीजों का इलाज संभव होगा जिनके शरीर में यह असाधारण जीन होता है, जिससे कैंसर कोशिकाएं बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।
याले विश्वविद्यालय में कैंसर चिकित्सा विभाग के प्रमुख डा. रॉय हब्र्स्ट ने बताया, 'अब ऐसी थेरेपी विकसित हो चुकी हैं जो कीमोथेरेपी से भी बेहतर है और ट्यूमर को खत्म करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। यह दवा उस जीन द्वारा पैदा किए जाने वाले घातक प्रोटीन का उत्पादन बंद करके कैंसर को बढ़ने से रोकती है।'
खाद्य एवं औषधि प्रशासन [एफडीए] का कहना है कि करीब तीन चौथाई रोगियों की जांच ट्यूमर विकसित होने के बाद हो पाती है। इनमें से मात्र छह प्रतिशत लोग पांच साल तक जीवित रह पाते हैं। पिछले हफ्ते एफडीए ने एक और ऐसी दवा को मंजूरी दी थी जो जीन में परिवर्तन कर कैंसर का इलाज करती है।
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